भारत-चीन तनाव: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं - वायु सेना प्रमुख

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार है’’और ‘‘उपयुक्त जगह पर तैनात है।’’ पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद फिर से संघर्ष छिड़ने की आशंकाओं के बीच उन्होंने यह टिप्पणी की।

भारत-चीन -प्रतीकात्मक तस्वीर | (Photo Credits: IANS)

हैदराबाद: वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार है’’और ‘‘उपयुक्त जगह पर तैनात है।’’ पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद फिर से संघर्ष छिड़ने की आशंकाओं के बीच उन्होंने यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना चीन की वायुसेना की क्षमता, उनके हवाई अड्डे, संचालनात्मक अड्डे और क्षेत्र में उनकी तैनाती से पूरी तरह अवगत है। उन्होंने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उनकी सेना ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.

यहां डुंडीगल में वायुसेना अकादमी (एएफए) में कम्बाइंड ग्रैजुएशन परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वायुसेना लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और वह लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे शूरवीरों के बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देगी. गलवान घाटी में 15 जून को पांच दशकों में चीन के साथ अब तक के सबसे बड़े सैन्य टकराव की पृष्ठभूमि में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि बल किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यह भी पढ़े | टी-शर्ट पहनकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में पेश हुआ वकील, अदालत ने लगाई फटकार.

उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि हम पूरी तरह तैयार हैं और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिये उपयुक्त जगह पर तैनात हैं। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं तथा गलवान के अपने शूरवीरों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे.’बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी स्थिति से अवगत हैं। चाहे एलएसी हो या एलएसी के अलावा तैनाती हो। हमारे पास पूरा आकलन है और हमने इस तरह की तैनाती से पैदा होने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाया है.

उन्होंने कहा कि देशभर में भारतीय वायु सेना के अड्डों पर वे सभी आवश्यक कदम उठाए गए है जो स्थिति से निपटने के लिए जरूरी हैं. उन्होंने चीनी हवाई अड्डों से संबंधित सवाल पर कहा, ‘‘हम जानते हैं उनके (चीनी) अड्डे कहां है। हम जानते हैं उनके हवाई क्षेत्र कहां हैं, उनकी तैनाती कहां है, उनके संचालनात्मक अड्डे कहां हैं. भदौरिया ने कहा, ‘‘सैन्य वार्ता के दौरान हुए समझौतों के बाद चीन की अस्वीकार्य कार्रवाई और उसके परिणामस्वरूप जान के नुकसान के बावजूद सभी प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे थे कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाए.

यह पूछे पर कि क्या भारत का चीन के साथ युद्ध चल रहा है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘आप सैन्य स्तर पर हो रही वार्ता से अवगत हैं लेकिन हम किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि चीन हर साल विवादित इलाके में तैनाती और अभ्यास करता है लेकिन इस बार गतिविधि बढ़ी है और कुछ बदलाव हुए हैं जिन पर नजर रखी जा रही है. भदौरिया ने कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य हमारे सशस्त्र बलों को हर समय तैयार और सतर्क रहने को कहता है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति इस बात का छोटा सा नजारा है कि बेहद कम समय में स्थिति से निपटने के लिए हमें क्या करने की जरूरत है.

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीनी बलों के साथ झड़प के दौरान हमारे सैनिकों की वीरता ने किसी भी कीमत पर अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प को दर्शाया है. भारतीय वायुसेना ने चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को अलर्ट कर दिया है और संघर्ष के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की है.भारतीय वायुसेना प्रमुख ने बुधवार को लेह अड्डे का दौरा किया था जहां उन्होंने बल की संचालनात्मक तैयारियों की समीक्षा की थी.

गलवान में हुए संघर्षों को देखते हुए सरकार ने बुधवार को भारतीय सेना और वायुसेना के अग्रिम अड्डों को हाई अलर्ट पर कर दिया. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चीन हर वर्ष तैनाती करता है और क्षेत्र में हवाई अभ्यास करता है लेकिन इस बार गतिविधियां बढ़ी हुई हैं. भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य इलाकों में गतिरोध जारी है । पांच मई को पैंगोग सो के तट पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी. सीमा गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\