हम कावेरी मुद्दे पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने का प्रयास नहीं करेंगे : सिद्धरमैया

तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का जल छोड़ने को लेकर तेज होते विरोध प्रदर्शनों और इस मुद्दे पर बंद के आह्वान के बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए।

Siddaramaiah DK Shivakumar Photo Credits: IANS

बेंगलुरु, 25 सितंबर तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का जल छोड़ने को लेकर तेज होते विरोध प्रदर्शनों और इस मुद्दे पर बंद के आह्वान के बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान अपनी ठोस दलीलें पेश करेगी और यह राज्य के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

एक ओर, कुछ किसान संगठनों ने कावेरी मुद्दे पर मंगलवार को 'बेंगलुरु बंद' का आह्वान किया है, तो वहीं कन्नड़ कार्यकर्ता वाताल नागराज के नेतृत्व में 'कन्नड़ ओक्कुटा' के बैनर तले कई कन्नड़ संगठनों ने 29 सितंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. सिद्धरमैया ने कहा, “हमने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और विनियमन समिति के आदेशों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. अदालत ने हमारी और तमिलनाडु की दलीलें खारिज कर दीं, उन्होंने (तमिलनाडु ने) पहले 24,000 क्यूसेक की मांग की, फिर 7,200 क्यूसेक की, हमने कहा कि 5,000 क्यूसेक भी नहीं दे सकते, क्योंकि पानी नहीं है.''

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, “शीर्ष अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया और मामला 26 सितंबर को अदालत के सामने आ रहा है. हम अपनी दलीलें और अधिक मजबूती से रखेंगे.” कावेरी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन और बंद के आह्वान से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “लोकतंत्र में, हम (सरकार) विरोध प्रदर्शनों को नहीं रोकेंगे, लेकिन भाजपा और जद (एस) इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं.”

उच्चतम न्यायालय ने 21 सितंबर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसने कर्नाटक सरकार को 13 सितंबर से 15 दिन तक तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक (क्यूबिक फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ने संबंधी कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के निर्देशों का समर्थन किया था. कर्नाटक कहता रहा है कि वह पेयजल और कावेरी बेसिन क्षेत्रों में फसलों के लिए सिंचाई की अपनी जरूरत को ध्यान में रखते हुए पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि मानसून में कम बारिश के कारण पानी की कमी हो गई है. उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा, “हम विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने की कोशिश नहीं करेंगे, लेकिन शांति बनाए रखनी होगी और लोगों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.”

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