गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के कारण इस चुनाव को लेकर कोई खासा उत्साह नहीं देखा जा रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि इन दिनों मिस्रवासियों का ध्यान अपने देश की पूर्वी सीमाओं पर चल रहे संघर्ष पर है।
देश में आर्थिक संकट के बीच, मिस्त्र में तीन दिवसीय मतदान रविवार से शुरू हुआ। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 10.5 करोड़ आबादी वाले इस देश में लगभग एक तिहाई लोग गरीब हैं।
अल-सिसी के खिलाफ तीन उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें विपक्षी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख फरीद जहरान, वफद पार्टी के अध्यक्ष अब्देल-सनद यामामा और रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के प्रमुख हेजेम उमर हैं।
चुनावी प्रक्रिया आयोजित करने वाले न्यायिक-अध्यक्षता वाली संस्था, राष्ट्रीय चुनाव प्राधिकरण के अनुसार, मतदान रविवार से शुरू होकर तीन दिन तक होंगे, यदि कोई भी उम्मीदवार 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल नहीं कर पाता है तो आठ से 10 जनवरी तक फिर से मतदान होंगे।
मिस्र के प्रवासियों ने एक से तीन दिसंबर को मतदान किया था।
मतदान प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देशभर में हजारों सैनिकों को तैनात किया गया है।
इस चुनाव में छह करोड़ से अधिक लोग मतदान करने के पात्र हैं और अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार भारी संख्या में मतदान होगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)