जरुरी जानकारी | वनस्पति तेल आयात पहली छमाही में 21 प्रतिशत बढ़ा: एसईए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश का वनस्पति तेल आयात चालू तेल वर्ष की पहली छमाही में 21 प्रतिशत बढ़कर 81.10 लाख टन हो गया। उद्योग निकाय एसईए ने शुक्रवार को कहा कि रिफाइंड पाम तेल की आवक बढ़ने के कारण यह बढ़ोतरी हुई, जो चिंता की बात है।

नयी दिल्ली, 12 मई देश का वनस्पति तेल आयात चालू तेल वर्ष की पहली छमाही में 21 प्रतिशत बढ़कर 81.10 लाख टन हो गया। उद्योग निकाय एसईए ने शुक्रवार को कहा कि रिफाइंड पाम तेल की आवक बढ़ने के कारण यह बढ़ोतरी हुई, जो चिंता की बात है।

तेल वर्ष 2021-22 की समान अवधि में वनस्पति तेल का आयात 67.07 लाख टन था। तेल वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है। भारत दुनिया में वनस्पति तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।

हालांकि, यदि मार्च 2023 से तुलना की जाए तो अप्रैल में वनस्पति तेलों का आयात 10 प्रतिशत कम रहा।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, ''मौजूदा तेल वर्ष के पहले छह महीनों में आरबीडी पामोलिन के आयात में 11.01 लाख टन की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कुल पाम तेल आयात का लगभग 22 प्रतिशत है। इसके चलते घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है।''

एसईए ने एक बयान में कहा कि देश में पाम तेल रिफाइनिंग उद्योग आरबीडी पामोलिन के अत्यधिक आयात के कारण पीड़ित है और यह अब सिर्फ पैकर्स उद्योग में तब्दील हो रहा है।

निकाय ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने के लिए कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर को मौजूदा 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत करना चाहिए। इसके अलावा आरबीडी पामोलीन पर अतिरिक्त 7.5 प्रतिशत कृषि उपकर लगाना चाहिए।

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