देश की खबरें | उत्तर प्रदेश : एआईएमआईएम के पोस्टरों में संभल को कहा गया ‘‘गाजियों की धरती’’

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय जनता पार्टी ने पोस्टरों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई, जिसके बाद एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने उन्हें हटा दिया।

भारतीय जनता पार्टी ने पोस्टरों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई, जिसके बाद एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने उन्हें हटा दिया।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सिरसी में बैठक से पहले ये पोस्टर पाये गये थे। सिरसी में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘अब्बा जान’ वाली टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की।

आदित्यनाथ ने यह टिप्पणी संभवत: समुदाय विशेष और समाजवादी पार्टी के संदर्भ में की थी।

ओवैसी ने कहा कि वह गरीब और कमजोर लोगों के अब्बा और चाचा हैं।

पोस्टरों में संभल को गाजियों की धरती बताये जाने पर आपत्ति जताते हुए भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने कहा कि यह स्थान कभी भी गाजियों की धरती नहीं रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह ओवैसी का एक चुनावी पैंतरा है और हम उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। भारत में कोई भी शहर गाजियों से संबद्ध नहीं है और हम ऐसा कोई बनने भी नहीं देंगे।’’

उन्होंने कहा कि संभल पौराणिक महत्व का स्थान है।

उन्होंने कहा, ‘‘पुराणों में(भगवान विष्णु के) कल्कि अवतार के साथ संभल का उल्लेख मिलता है। यदि संभल का उल्लेख कुरान में गाजियों की धरती के तौर पर किया गया है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’’

इस बीच, ओवैसी ने सिरसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश की जनता दोबारा योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। साथ ही, उन्होंने दावा किया, ‘‘ योगी जी गुमनामियों की वादियों में खो जाएंगे।’’

उन्होंने योगी की ‘अब्बा जान’ टिप्पणी की ओर संभवत: इशारा करते हुए कहा, ‘‘ओवैसी उत्तर प्रदेश में गरीब और कमजोर लोगों के अब्बा हैं। ओवैसी महिलाओं के भाई हैं। मैं आपका अब्बा और चाचा जान हूं।’’

ओवैसी ने कहा, ‘‘2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें(सपा-बसपा को) केवल 15 सीटें ही मिली। उन्हें मंच पर आकर इस पर बहस करनी चाहिए।’’

उन्होंने यह भी सवाल किया कि उप्र में कितने मुसलमानों को अंत्योदय योजना या किसी अन्य योजना के तहत कार्ड मिला है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में 54 प्रतिशत मुसलमान गरीब हैं। ’’

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