Liquor Sale: छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री में अभूतपूर्व भ्रष्टाचार, शराब की हर बोतल की बिक्री से पैसे बनाये गए- ईडी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘‘हर बोतल’’ पर ‘‘अवैध रूप’’ से धन एकत्रित किया गया और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा दो हजार करोड़ रुपये के ‘‘अभूतपूर्व’’ भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत एकत्रित किये गए हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits PIT)

रायपुर/नयी दिल्ली, सात मई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘‘हर बोतल’’ पर ‘‘अवैध रूप’’ से धन एकत्रित किया गया और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा दो हजार करोड़ रुपये के ‘‘अभूतपूर्व’’ भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत एकत्रित किये गए हैं. यह भी पढ़ें: NGT Fine On UP Govt: एनजीटी ने उप्र आवास एवं विकास परिषद, तीन निजी कंपनियों पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अनवर ढेबर को संघीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत शनिवार तड़के रायपुर के एक होटल से तब गिरफ्तार किया, जब वह ‘‘पिछले दरवाजे से भागने’’ की कोशिश कर रहे थे.

विशेष पीएमएलए अदालत ने बाद में उन्हें चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया जबकि उनके वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ प्रतीत होती है और वे इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.

एजेंसी ने कहा कि अनवर ढेबर सात बार तलब किए जाने के बावजूद मामले की जांच में शामिल नहीं हुए और आरोप लगाया कि वह ‘‘लगातार बेनामी सिम कार्ड और इंटरनेट डोंगल का उपयोग कर रहे थे, और अपना ठिकाना बदल रहे थे.’’ एजाज ढेबर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता माने जाने जाते हैं.

ईडी ने आरोप लगाया है, ‘‘जांच में पाया गया कि अनवर ढेबर के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा था. अनवर ढेबर एक आम नागरिक हैं लेकिन वह उच्च-स्तरीय राजनीतिक प्राधिकारियों और वरिष्ठ नौकरशाहों की ओर से पैसे लेते थे.’’

ईडी ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने एक व्यापक साजिश रची और घोटाले को अंजाम देने के लिए व्यक्तियों/इकाइयों का एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया ताकि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की प्रत्येक बोतल से अवैध रूप से धन एकत्रित किया जा सके.’’

इसने कहा कि मार्च में रायपुर में अनवर ढेबर के आवासीय परिसरों सहित छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में 35 स्थानों पर छापे मारे गए थे और इस दौरान "2019-2022 के बीच दो हजार करोड़ रुपये के अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत’’ मिले. ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर ढेबर ‘‘इस पूरे अवैध धन संग्रह के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन वह इस घोटाले के अंतिम लाभार्थी नहीं हैं.’’

उसने दावा किया, ‘‘यह बात सामने आयी कि एकत्रित राशि का कुछ हिस्सा अपने पास रखकर शेष राशि अपने राजनीतिक आकाओं को दे दिया करते थे.’’ एजेंसी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राज्य शराब व्यापार के "सभी पहलुओं" पर सरकार का नियंत्रण है यानी शराब खरीद से लेकर खुदरा बिक्री तक सरकार के हाथ में है और किसी भी निजी दुकान की अनुमति नहीं है.

वहीं अनवर ढेबर की हिरासत के लिए शनिवार को रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर किए गए अपनी अर्जी में ईडी ने दावा किया कि एक सिंडिकेट द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया गया, जिसमें राज्य के उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हैं.

ईडी ने आरोप लगाया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी अनिल टुटेजा शराब कारोबारी अनवर ढेबर के साथ छत्तीसगढ़ में अवैध शराब सिंडिकेट के “सरगना” हैं और भ्रष्टाचार से अर्जित रकम का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में भी किया गया.

एजेंसी ने यह भी दावा किया कि उसकी जांच में यह भी सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में बिकी कुल शराब में से 30 से 40 फीसदी शराब ‘अवैध’ थी और इस कृत्य से 1200-1500 करोड़ रुपये का अवैध लाभ उत्पन्न हुआ. प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर विभाग की ओर से टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोपपत्र के आधार पर धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएएल) के तहत मामले की जांच के लिए पिछले साल एक मामला दर्ज किया था.

ईडी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में एक आपराधिक सिंडिकेट का संचालन किया जा रहा है, जो राज्य के आबकारी विभाग समेत अहम महकमों और सरकारी कंपनियों के उच्च स्तरीय प्रबंधन को नियंत्रित करके रिश्वत ले रहा था. ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर इस सिंडिकेट के मुख्य संग्रह एजेंट हैं। उसने कहा कि अनवर की ओर से टुटेजा को 14.41 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जाने के डिजिटल साक्ष्य उपलब्ध हैं.

एजेंसी के आवेदन में कहा गया है कि सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री से तीन अलग-अलग तरीके से अवैध धन एकत्र किया.

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