विदेश की खबरें | संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अन्य देशों को कोविड-19 टीके मुहैया कराने के लिए भारत की सराहना की
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संयुक्त राष्ट्र, 29 जनवरी संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए कई देशों को टीके मुहैया कराने के भारत के कदम की सराहना करते हुए कहा कि भारत की टीका निर्माण क्षमता आज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पूंजियों में से एक है।
गुतारेस ने उम्मीद जताई कि भारत के पास वे सभी आवश्यक साधन उपलब्ध होंगे, जो वैश्विक टीकाकरण मुहिम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बताना चाहता हूं कि हम भारत पर कितना भरोसा करते हैं। भारत सबसे उन्नत दवा उद्योगों में शामिल है। भारत ने जेनेरिक (सामान्य) दवाओं के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो कि विश्वभर में दवाइयों तक पहुंच के लिए अहम है।’’
‘पीटीआई’ ने वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में दुनियाभर के देशों की भारत द्वारा कोविड-19 टीकों की आपूर्ति के जरिए मदद किए जाने के संबंध में बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सवाल किया था, जिसके जवाब में गुतारेस ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत की उत्पादन क्षमता आज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पूंजियों में से एक है और मुझे उम्मीद है कि दुनिया भी इस बात को समझती है कि इसका पूरा इस्तेमाल होना चाहिए।’’
अमेरिका ने भी अनेक देशों को कोविड-19 के टीके भेंट करने पर भारत की प्रशंसा करते हुए उसे ‘‘सच्चा मित्र’’ बताया और कहा कि वह वैश्विक समुदाय की मदद करने के लिए अपने दवा क्षेत्र का उपयोग कर रहा है।
भारत बीते कुछ दिन में अपने यहां बने कोविड-19 टीकों की खेप भूटान, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश, म्यामां, मॉरीशस और सेशेल्स को मदद के रूप में भेज चुका है। सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और मोरक्को को ये टीके व्यावसायिक आपूर्ति के रूप में भेजे जा रहे हैं।
अमेरिका के विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो की ओर से शुक्रवार को ट्वीट किया गया, ‘‘ हम वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की भूमिका की सराहना करते हैं जिसने दक्षिण एशिया में कोविड-19 की लाखों खुराकें दीं। भारत ने टीकों की नि:शुल्क खेप भेजने की शुरुआत मालदीव, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल से की तथा अन्य देशों की भी इसी प्रकार मदद की जाएगी।’’
ब्यूरो ने कहा, ‘‘भारत एक सच्चा मित्र है जो अपने दवा क्षेत्र का उपयोग वैश्विक समुदाय की मदद करने में कर रहा है।’’
भारत को ‘‘दुनिया की फार्मेसी’’ कहा जाता है और विश्व भर में बनने वाले टीकों में से 60 फीसदी टीके यहां बनते हैं।
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