देश की खबरें | उद्धव ने भाजपा पर अन्य दलों में ‘‘विभाजन’’ कराने का लगाया आरोप

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नागपुर, 10 जुलाई शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अन्य दलों में "विभाजन" कराने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि उसे अपने दम पर चुनाव जीतने का भरोसा नहीं है।

ठाकरे महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के दौरे पर हैं। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दे उठाकर चुनावी लाभ के लिए लोगों का ध्यान भटकाने का भी आरोप लगाया।

वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद, ठाकरे ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था और बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की मदद से महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार बनायी थी।

एकनाथ शिंदे के ठाकरे से नाता तोड़ने के बाद पिछले साल जून में एमवीए सरकार गिर गई थी। बाद में शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

इस साल 2 जुलाई को, अजित पवार ने शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा में विभाजन का नेतृत्व किया और शिंदे-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हो गए। राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली।

ठाकरे ने विदर्भ के अपने दौरे के दूसरे दिन अमरावती में शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा से सवाल किया कि जब वह यह दावा करती है कि उसके पास "दुनिया के नंबर एक प्रधानमंत्री हैं" तो उसे अन्य दलों को "विभाजित" करने की आवश्यकता क्यों है?

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आप शिवसेना से चुरा रहे हैं, आपने राकांपा से भी चुराया है और आप कल कुछ और चुराएंगे। जो देश का है आप उसे बेच देते हैं और जो दूसरों का है उसे चुरा लेते हैं।’’

ठाकरे ने कहा, ‘‘दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के सामने यह समय क्यों आ गया है? इसका अर्थ बहुत सरल है - आपके पास 'सत्ता का घमंड' है और कोई 'आत्मविश्वास' नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी और शक्तिशाली पार्टी बनने के बाद भी भाजपा को लगता है कि वह निर्वाचित नहीं होगी। ठाकरे ने कहा, ‘‘इसलिए, वे ईडी, आयकर विभाग और पुलिस का उपयोग करके अपने सामने किसी (प्रतिद्वंद्वी) को नहीं चाहते हैं।’’

ठाकरे ने भाजपा को इन एजेंसियों को एक तरफ रखने और राजनीतिक क्षेत्र में आने की चुनौती दी। ठाकरे ने दावा किया कि जब भाजपा महाराष्ट्र में "कुछ भी नहीं" थी तब शिवसेना ने उसे अपने कंधों पर उठाया और राज्य में उसकी मदद आधार बढ़ाने में की।

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आप हमें राजनीति में खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, यह आपका हिंदुत्व है। हम 25 से 30 साल तक आपके साथ थे और अब आप उस शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रहे हैं जो तब आपके साथ थी जब आप शून्य थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बालासाहेब ठाकरे ने आपको बचाया, अन्यथा (पूर्व प्रधानमंत्री) अटल बिहारी वाजपेयी ने आपको कूड़ेदान में फेंक दिया था। यदि बालासाहेब ठाकरे वर्तमान प्रधानमंत्री के पीछे खड़े नहीं हुए होते, तो क्या वह अब प्रधानमंत्री होते? यह आपको दूसरों से पूछने के बजाय खुद से पूछना चाहिए।’’

उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वे चुनाव से पहले लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विवादास्पद मुद्दे उठाते हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘अब वे समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुद्दा लेकर आए हैं और चुनाव जीतने के लिए लोगों को भ्रमित कर रहे हैं और फिर चुनाव खत्म होने के बाद इस मुद्दे को छोड़ देते हैं।’’

उन्होंने कहा कि जैसे ही चुनाव नजदीक आएगा, राममंदिर (अयोध्या में) निर्माण जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा राममंदिर का निर्माण करके कोई उपकार नहीं कर रही है क्योंकि इस मामले पर फैसला उच्चतम न्यायालय ने ही दिया है।

ठाकरे ने कहा, ‘‘हम राममंदिर निर्माण के लिए एक विशेष कानून की मांग कर रहे थे लेकिन उनमें (सरकार) इसे लाने की हिम्मत नहीं थी।’’

उन्होंने दावा किया कि जब राममंदिर के लिए संघर्ष चल रहा था, तो ये "तथाकथित हिंदुत्ववादी" चूहे के बिल में छिपे हुए थे। ठाकरे ने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार की योजनाएं ''फर्जी'' हैं और उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से लोगों तक पहुंचने और उन्हें सच्चाई बताने को कहा।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी (जब उनके नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में सत्ता में था) के दौरान बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप बीएमसी में भ्रष्टाचार का पता लगाना चाहते हैं, तो राज्य के हर नगर निगम और पीएम केयर्स फंड (महामारी के दौरान केंद्र द्वारा स्थापित) में भी भ्रष्टाचार का पता लगाएं।’’

अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ ‘‘फर्जी’’ लोग कह रहे हैं कि वह वोट मांगने आए हैं।

ठाकरे ने कहा, ‘‘हां, मैं वोट मांगने आया हूं क्योंकि मैं मतदाताओं को राजा मानता हूं, उन्हें गुलाम नहीं मानता, जो पैसे लेकर फर्जी सर्टिफिकेट पर वोट देंगे।’’

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘हो सकता है कि अब समय आ गया है कि भीड़ और लोगों का उत्साह देखकर उन्हें राजनीति में ‘सलाइन’ की जरूरत पड़ेगी।’’

ठाकरे ने अमरावती में संवाददाताओं से कहा कि निर्वाचन आयोग किसी पार्टी को कोई चुनाव चिह्न आवंटित कर सकता है, लेकिन उसके पास किसी पार्टी का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘शिवसेना’ नाम उनके दादा (केशव ठाकरे) ने दिया था और वह किसी को इसे ‘‘हथियाने’’ नहीं देंगे।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने यह भी कहा कि विदर्भ के दौरे के दौरान उन्हें लोगों से भारी प्रतिक्रिया और समर्थन मिल रहा है।

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