करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन हस्तांतरित करना UNGA प्रस्ताव का उल्लंघन: भारत
भारत ने पाकिस्तान द्वारा पवित्र करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन मनमाने तरीके से गैर सिख इकाई को हस्तांरित करने का विरोध करते हुए कहा कि इस्लामाबाद का यह कदम सिख धर्म, उसके संरक्षण और रक्षा के खिलाफ होने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का उल्लंघन है.
संयुक्त राष्ट्र, 3 दिसंबर: भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा पवित्र करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन मनमाने तरीके से गैर सिख इकाई को हस्तांरित करने का विरोध करते हुए कहा कि इस्लामाबाद का यह कदम सिख धर्म, उसके संरक्षण और रक्षा के खिलाफ होने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के प्रस्ताव का उल्लंघन है. नवंबर में पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन का कामकाज पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर 'एवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड' के प्रशासनिक नियंत्रण में कर दिया था, जो कि गैर सिख इकाई है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को कहा, "पाकिस्तान पहले ही पिछले साल इस सभा द्वारा पारित 'कल्चर ऑफ पीस' के शुरुआती प्रस्तावों का उल्लंघन कर चुका है. पिछले महीने पाकिस्तान ने मनमाने तरीके सिखों से पवित्र तीर्थस्थल करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन सिख समुदाय से लेकर गैर सिख इकाई के नियंत्रण वाले प्रशासन को सौंप दिया."
शर्मा ने कहा कि यह कृत्य सिख धर्म, इसके संरक्षण और रक्षा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का जिक्र दिसंबर 2019 के महासभा के प्रस्ताव में है और पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव का उल्लंघन किया. यूएनजीए ने 'शांति के लिए अंतरधार्मिक और अंतरसंस्कृति के प्रचार, समझ और सहयोग' के प्रस्ताव को पिछले साल दिसंबर में अंगीकार किया था.
इसमें करतापुर साहिब गलियारे को खोले जाने की पहल का स्वागत किया गया था. भारत ने पिछले महीने पाकिस्तान के संबंधित फैसले को 'बेहद निंदनीय' करार देते हुए कहा था कि यह सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है.
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