देश की खबरें | पंजाब में किसानों के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन की वजह से रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब में किसानों ने तीन घंटे तक 50 से अधिक स्थानों पर पटरियों पर बैठकर ‘रेल रोको’ प्रदर्शन किया जिसकी वजह से राज्य में रेलगाड़ियों का आवागमन प्रभावित हुआ।

लुधियाना/होशियारपुर, 18 दिसंबर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब में किसानों ने तीन घंटे तक 50 से अधिक स्थानों पर पटरियों पर बैठकर ‘रेल रोको’ प्रदर्शन किया जिसकी वजह से राज्य में रेलगाड़ियों का आवागमन प्रभावित हुआ।

‘रेल रोको’ का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया था।

किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि किसानों ने राज्य और केंद्र द्वारा जानबूझकर उनकी मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने के खिलाफ दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक कई स्थानों पर रेल पटरियां अवरुद्ध कर दीं।

फिरोजपुर मंडल के रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया जबकि दो रेलगाड़ियों की यात्रा उनके गंतव्य से पहले ही रोक दी गई। वहीं दो रेलगाड़ियों को उनके मूल स्टेशन के बजाय दूसरे स्टेशन से परिचालित किया गया। उन्होंने बताया कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

अधिकारियों ने बताया कि रद्द की गई रेलगाड़ियों में जालंधर से होशियारपुर, अमृतसर से कादियान, पठानकोट से वेरका और होशियारपुर से जालंधर सिटी की रेलगाड़ी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि देरी से चल रहीं ट्रेनों को उन स्थानों पर रोका गया जहां यात्रियों को चाय और भोजन मिल सके।

प्रदर्शनकारी किसानों ने मोगा, फरीदकोट, कादियान और गुरदासपुर के बटाला सहित कई स्थानों पर रेल मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। किसानों ने जालंधर में फिल्लौर; होशियारपुर में टांडा, दसूया, माहिलपुर; फरोजपुर में मक्खू, तलवंडी भाई; लुधियाना में साहनेवाल; पटियाला में शंभू; मोहाली; संगरूर में सुनाम और लेहरा, बठिंडा में रामपुरा फूल और अमृतसर में देवीदासपुरा में पटरियां बाधित कीं।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू से सियालदह जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस, अमृतसर से मुंबई जाने वाली दादर एक्सप्रेस और नयी दिल्ली से अमृतसर जाने वाली शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस को लुधियाना रेलवे स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्म पर रोक दिया गया।

उन्होंने बताया कि नयी दिल्ली से अमृतसर आ रही शताब्दी एक्सप्रेस को खन्ना रेलवे स्टेशन पर रोका गया।

होशियारपुर में किसानों ने भंगाला, दसूया और टांडा रेलवे स्टेशन पर जालंधर-जम्मू रेल मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने जालंधर-होशियारपुर खंड पर मंडियाला गांव और होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर रेल-सड़क क्रॉसिंग को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे क्षेत्र में रेल यातायात बाधित हो गया।

रेल रोको प्रदर्शन की वजह से जम्मू से अहमदाबाद जाने वाली रेलगाड़ी को मुकेरियां रेलवे स्टेशन पर रोकना पड़ा।

तरनतारन निवासी दीपक सिंह (25) अपनी पत्नी, दो बच्चों और भाई के साथ ऊना (हिमाचल प्रदेश) स्थित डेरा बाबा गुरु बार भाग सिंह मंदिर के दर्शन करने के बाद लौट रहे थे। वे उन यात्रियों में शामिल थे जिन्हें रेल यातायात बाधित होने के कारण असुविधा का सामना करना पड़ा।

उन्होंने बताया कि वह जालंधर जाने वाली ट्रेन के लिए होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर दो घंटे से अधिक समय से इंतजार कर रहे थे।

छत्तीसगढ़ निवासी और पेशे से राजमिस्त्री मनोज यादव (35) ने भी अपनी परेशानी साझा की जो इस समय होशियारपुर के नारायण नगर में रहते हैं।

वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ जा रहे थे। यादव ने कहा कि लंबी दूरी होने के कारण उनके लिए ट्रेन ही एकमात्र विकल्प है, इसलिए उनके पास विरोध प्रदर्शन खत्म होने का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

अमृतसर में किसानों ने अमृतसर-दिल्ली रेल मार्ग को बाधित कर दिया। वे मनावाला रेलवे स्टेशन के पास देवीदासपुरा गांव में पटरी पर धरना दे रहे थे।

किसान नेता पंधेर ने कहा कि किसान फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी और किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारों ने ‘‘जानबूझकर किसानों के प्रति उदासीन रवैया अपनाया है।’’

अंबाला-चंडीगढ़ रेल मार्ग को बाधित करने के लिए अंबाला शहर से करीब पांच किलोमीटर दूर पंजाब के सरसिनी गांव में सैकड़ों किसान पटरी पर बैठे।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोक दिया गया था।

पिछले तीन हफ्तों से पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है।

इससे पहले 101 किसानों के एक ‘जत्थे’ (समूह) ने छह दिसंबर, आठ दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने की तीन कोशिशें की थीं। हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया।

फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’ की मांग कर रहे हैं।

भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है।

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