देश की खबरें | टीएमसी ने पुराने कानूनों को बदलने के लिए विधेयकों पर सर्वसम्मति बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का एक प्रस्ताव बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित हो गया, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों पर सर्वसम्मति बनाने की मांग की गई है।
कोलकाता, छह दिसंबर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का एक प्रस्ताव बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पारित हो गया, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों पर सर्वसम्मति बनाने की मांग की गई है।
मंगलवार और बुधवार को प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस पर, मतदान के दौरान विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने विरोध किया। प्रस्ताव के पक्ष में 101 और विपक्ष में 42 वोट पड़े।
अगस्त में, केंद्र ने मौजूदा भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 तथा भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 पेश किया था।
संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों पर आम सहमति बनाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए, भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा कि पुराने कानूनों को बदलने की जरूरत है और केंद्र की मौजूदा सरकार ऐसा कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा एक ‘नया भारत’ बनाने की कोशिश कर रही है जहां सभी को न्याय मिलेगा।
प्रस्ताव का समर्थन करते हुए, राज्य के कानून मंत्री मलॉय घटक ने दावा किया कि नए विधेयकों के माध्यम से लोगों के नागरिक अधिकारों में कटौती करने की कोशिश की जा रही है।
टीएमसी विधायक तापस रॉय ने दावा किया कि केंद्र की मौजूदा सरकार (इन कानून के जरिये) लोगों को ‘हिंदी’ स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रही है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)