इस्लामाबाद, 27 नवंबर : पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने दावा किया कि इस महीने की शुरुआत में वजीराबाद शहर में विरोध मार्च के दौरान तीन शूटरों ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की थी. तीन नवंबर को पंजाब के वजीरिस्तान इलाके में बंदूकधारियों ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान पर हमला किया था, जिसमें उनके दाएं पैर में गोली लगी थीं. उस समय वह सरकार पर जल्द चुनाव कराने का दबाव बनाने के लिए आयोजित मार्च का नेतृत्व कर रहे थे. खान ने शनिवार रात शहर में अपनी पार्टी की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पहले जिन दो हमलावर की पहचान की जा चुकी है, उनमें से एक ने उन पर और ‘पीटीआई’ के अन्य नेताओं पर गोली चलाई थी.
दूसरे शूटर ने कंटेनर के सामने वाले हिस्से पर गोलीबारी की. जबकि तीसरे हमलावर को पहले हमलावर को खत्म करने का काम सौंपा गया था. खान (70) ने दावा किया कि इस तीसरे हमलावर ने रैली में एक व्यक्ति को मार डाला, जबकि वह पहले हमलावर को मारने की कोशिश कर रहा था. हमले के एक दिन बाद लाहौर के शौकत खानम अस्पताल से राष्ट्र को संबोधित करते हुए खान ने कहा था कि दो हमलावरों ने उनके दाहिने पैर में चार गोलियां मारी थीं. यह भी पहें : फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में मुस्लिम समुदायों को देखने का नजरिया क्यों है अलग-अलग
उन्होंने कहा कि वह एक कंटेनर पर थे तभी उन पर “गोलियों की बौछार करने” का निर्देश दिया गया था. उन्होंने कहा,“फिर दूसरा हमला किया गया, उसमें दो लोग शामिल थे.” खान ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह आरोप भी लगाया कि उनकी हत्या के असफल प्रयास में जिन तीन लोगों का हाथ था, वे उन्हें फिर से निशाना बनाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. खान ने कई बार आरोप लगाया है कि उन पर हमले के पीछे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ‘काउंटर इंटेलिजेंस विंग’ के प्रमुख मेजर-जनरल फैसल नसीर का हाथ था.