देश की खबरें | पंजाब में किसानों का तीन घंटे का ‘रेल रोको’ प्रदर्शन शुरू
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को पंजाब में कई स्थानों पर तीन घंटे के 'रेल रोको' प्रदर्शन के तहत रेल मार्ग अवरुद्ध कर दिया।
चंडीगढ़, 18 दिसंबर किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को पंजाब में कई स्थानों पर तीन घंटे के 'रेल रोको' प्रदर्शन के तहत रेल मार्ग अवरुद्ध कर दिया।
'रेल रोको' का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है।
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान दोपहर 12 बजे से कई स्थानों पर रेल पटरियों पर बैठे हैं और अपराह्न तीन बजे तक वहां रहेंगे।
जिन स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है वे गुरदासपुर में मोगा, फरीदकोट, कादियां और बटाला; जालंधर में फिल्लौर; होशियारपुर में टांडा, दसूया, माहिलपुर; फिरोजपुर में मक्खू, तलवंडी भाई; लुधियाना में साहनेवाल; पटियाला में शंभू; मोहाली, और संगरूर में सुनाम और लहरा हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोक दिया गया था।
पिछले तीन हफ्तों से पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं, ताकि केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके, जिसमें फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है।
इससे पहले 101 किसानों के एक ‘जत्थे’ (समूह) ने छह दिसंबर, आठ दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने की तीन कोशिशें की थीं। हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया।
फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की मांग कर रहे हैं।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है।
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