देश की खबरें | दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजा गया : पुलिस

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली पुलिस ने दो अलग-अलग अभियानों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेज दिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली, सात जनवरी दिल्ली पुलिस ने दो अलग-अलग अभियानों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेज दिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पिछले महीने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आदेश के बाद बांग्लादेश से अवैध रूप से आए प्रवासियों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान चलाया गया था।

पुलिस ने बताया कि छह जनवरी को आरके पुरम पुलिस थाने की टीम ने 32 वर्षीय बांग्लादेशी व्यक्ति मोहम्मद अक्कास अली उर्फ ​​आकाश को पकड़ा। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह एकता विहार इलाके में कमरा किराये पर लेने की कोशिश कर रहा है।

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया और उसने शुरू में खुद को कोलकाता का रहने वाला बताया। हालांकि, लगातार पूछताछ और उसके मोबाइल फोन डेटा के विश्लेषण के बाद उसकी पहचान मोहम्मद अक्कास अली के रूप में हुई, जो बांग्लादेश के जेसोर जिले का रहने वाला है।’’

पूछताछ के दौरान अली ने बताया कि उसे पहली बार 2012 में उसके परिवार के साथ निर्वासित किया गया था, जो 1994 से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा था।

पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘अली 2015 में दलालों की मदद से बेनापोल-पेट्रापोल सीमा पार कर अवैध रूप से भारत में पुनः प्रवेश कर गया, लेकिन 2016 में उसे फिर से पकड़ लिया गया और निर्वासित कर दिया गया। नवंबर 2023 में वह तीसरी बार भारत लौटा और अपना नाम बदलकर आकाश रख लिया। उसने शास्त्री पार्क, सीलमपुर, कापसहेड़ा और डाबरी समेत दिल्ली के कई इलाकों में मजदूरी की।’’

अली ने बताया कि उसका गांव बाड़ लगी भारत-बांग्लादेश सीमा से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। दलालों की मदद से वह भारत में प्रवेश करता था। यह दलाल रात में सीमा की बाड़ काटकर अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए प्रति व्यक्ति 6,000-10,000 रुपये लेते हैं।

इस बीच, पांच जनवरी को एक अलग अभियान में पुलिस ने दो अन्य बांग्लादेशी नागरिकों मोहम्मद जसीम (32) और उसकी पत्नी जैनब अख्तर (27) की पहचान की, जो वसंत कुंज इलाके में अवैध रूप से रह रहे थे।

दोनों को पकड़ लिया गया और बाद में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के माध्यम से उन्हें निर्वासित कर दिया गया।

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