सरायकेला (झारखंड), छह नवंबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि राज्य में औद्योगीकरण या खनन के नाम पर तब तक विस्थापन की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि सरकार स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए एक नीति नहीं बनाती।
सरायकेला विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) उम्मीदवार गणेश महाली के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने दावा किया कि राज्य में ज्यादातर भूमि आदिवासियों के पास है और भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों का उद्देश्य उनकी जमीन हड़पना है।
सोरेन ने कहा, ‘‘सरकार को एक नीति बनानी चाहिए, ताकि हम जान सकें कि उद्योगों समेत विकास परियोजनाओं में स्थानीय लोगों को कितनी नौकरियां मिलेंगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘झारखंड में खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है, लेकिन यहां के लोग गरीब हैं। मैं जानता हूं कि राज्य में कितने गरीब और कितने अमीर लोग रह रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण और खनन के बहाने आदिवासियों को उनकी ही जमीन से विस्थापित किया गया।
हेमंत सोरेन ने भाजपा पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि उद्योग और खदानें सभी ‘‘उनके मित्रों’’ के स्वामित्व में हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए हेमंत सोरेन ने दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके पीछे हैं और उन्हें झूठे आरोपों में जेल भेज दिया गया क्योंकि उन्होंने उनके दबाव में झुकने से इनकार कर दिया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में सोरेन को गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिये जाने के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था।
हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी, लेकिन हमें विधानसभा चुनावों में फिर से सत्ता हासिल करने का भरोसा है।’’
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 13 नवंबर और 20 नवंबर को होगा जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।
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