देश की खबरें | नये साल में लगेंगे चार ग्रहण, लेकिन भारत में दिखेगा केवल एक ग्रहण : वेधशाला

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. नये साल 2025 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल दुनिया को दो सूर्यग्रहणों और दो चंद्रग्रहणों के रोमांचक दृश्य दिखाएगी। हालांकि, उज्जैन की एक प्रतिष्ठित वेधशाला का यह पूर्वानुमान भारत के खगोलप्रेमियों को थोड़ा निराश कर सकता है कि देश में इनमें से केवल एक ग्रहण ही निहारा जा सकेगा।

इंदौर (मध्यप्रदेश), 27 दिसंबर नये साल 2025 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल दुनिया को दो सूर्यग्रहणों और दो चंद्रग्रहणों के रोमांचक दृश्य दिखाएगी। हालांकि, उज्जैन की एक प्रतिष्ठित वेधशाला का यह पूर्वानुमान भारत के खगोलप्रेमियों को थोड़ा निराश कर सकता है कि देश में इनमें से केवल एक ग्रहण ही निहारा जा सकेगा।

शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने शुक्रवार को बताया कि नये साल में ग्रहणों का सिलसिला 14 मार्च को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा। गुप्त ने बताया, "नववर्ष का यह पहला ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि इस खगोलीय घटना के वक्त देश में दिन का समय होगा। यह खगोलीय घटना अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी व दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगी।’’

गुप्त ने बताया कि आगामी 29 मार्च को लगने वाला आंशिक सूर्यग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आईस लैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, संपूर्ण यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा जा सकेगा।

उन्होंने बताया, “भारतीय खगोलप्रेमियों को यह बात उत्साहित कर सकती है कि 2025 में सात और आठ सितंबर के बीच लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण देश में देखा जा सकेगा। यह ग्रहण एशिया के अन्य देशों के साथ ही यूरोप, अंटाकर्टिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।

गुप्त ने बताया कि 2025 का अंतिम ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में 21 और 22 सितंबर के बीच लगेगा और यह खगोलीय घटना भारत में देखी नहीं जा सकेगी। उन्होंने कहा,"यह आंशिक सूर्यग्रहण न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिम अंटार्कटिका में नजर आएगा।"

जल्द ही समाप्त होने जा रहा वर्ष 2024 उपच्छाया चंद्रग्रहण, पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण की चार खगोलीय घटनाओं का गवाह बना था।

हर्ष

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