कांग्रेस में होगी ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था, संगठन में युवाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व

कांग्रेस ने रविवार को संगठन में कई बड़े सुधार करने का फैसला किया जिसमें ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था सबसे प्रमुख है जिसके साथ यह शर्त भी रखी गई है कि परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन के लिए कम से कम पांच साल तक काम किया हो.

कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

उदयपुर, 15 मई : कांग्रेस (Congress) ने रविवार को संगठन में कई बड़े सुधार करने का फैसला किया जिसमें ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था सबसे प्रमुख है जिसके साथ यह शर्त भी रखी गई है कि परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन के लिए कम से कम पांच साल तक काम किया हो. पार्टी ने संगठन में हर स्तर पर 50 साल की आयु से कम के लोगों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व देने तथा राज्य स्तर पर राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) बनाने का भी निर्णय लिया है. पार्टी की छह समन्वय समितियों की अनुशंसा के आधार पर कांग्रेस ने ‘उदयपुर नवसंकल्प’ जारी किया. कांग्रेस ने ‘पब्लिक इनसाइटट विभाग’, ‘राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान’ और ‘चुनाव प्रबंधन विभाग’ का गठन करने का भी फैसला किया है.

पार्टी ने ‘नवसंकल्प’ में कहा, ‘‘अगले 90 से 180 दिन में देशभर में ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर सभी रिक्त नियुक्तियां संपूर्ण कर जवाबदेही सुनिश्चित कर दी जाए. संगठन को प्रभावी बनाने हेतु ब्लॉक कांग्रेस के साथ-साथ ‘‘मंडल कांग्रेस कमिटियों’’ का भी गठन किया जाए.’’ उसने कहा कि राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान का गठन किया जाए ताकि पार्टी की नीतियों, विचारधारा, दृष्टि, सरकार की नीतियों व मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का व्यापक प्रशिक्षण हो पाए. केरल स्थित ‘राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़’ से इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान की शुरुआत की जा सकती है.इस नवसंकल्प में कहा गया है कि चुनाव प्रबंधन विभाग का गठन किया जाए, ताकि हर चुनाव की तैयारी प्रभावशाली तरीके से हो व अपेक्षित परिणाम निकलें.

इसके अनुसार, कांग्रेस महासचिव (संगठन) के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन भी हो, ताकि बेहतरीन काम करने वाले पदाधिकारियों को आगे बढ़ने का मौका मिले और निष्क्रिय पदाधिकारियों की छंटनी हो पाए. इसमें कहा गया है, ‘‘पार्टी में लंबे समय तक एक ही व्यक्ति द्वारा पद पर बने रहने के बारे में कई विचार सामने आए. संगठन के हित में यह है कि पांच वर्षों से अधिक कोई भी व्यक्ति एक पद पर न रहे, ताकि नए लोगों को मौका मिल सके.’’ कांग्रेस ने यह फैसला भी किया है कि कांग्रेस कार्यसमिति, राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल पदाधिकारियों में 50 प्रतिशत पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम हो. पार्टी का कहना है, ‘‘राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल संगठनों की इकाइयों में सामाजिक वास्तविकता प्रतिबिंबित हो, यानी दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व मिले.’’ यह भी पढ़ें : कटरा के निकट यात्री बस में आग लगने के असल कारणों की फोरेंसिक जांच जारी: एनआईए

कांग्रेस ने कहा, ‘‘संगठन में ‘‘एक व्यक्ति, एक पद’’ का सिद्धांत लागू हो. इसी प्रकार, ‘‘एक परिवार, एक टिकट’’ का नियम भी लागू हो. यदि किसी के परिवार में दूसरा सदस्य राजनीतिक तौर से सक्रिय है, तो पांच साल के संगठनात्मक अनुभव के बाद ही वह व्यक्ति कांग्रेस टिकट के लिए पात्र माना जाए.’’ ‘नवसंकल्प’ में कहा गया है, ‘‘पूर्वोत्तर के प्रांतों के लिए गठित की गई ‘‘नॉर्थ ईस्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी’’ के अध्यक्ष को कांग्रेस कार्य समिति का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया जाए. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों में से कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा एक समूह का गठन हो, जो समय-समय पर जरूरी व महत्वपूर्ण राजनीतिक विषयों पर निर्णय लेने हेतु कांग्रेस अध्यक्ष को सुझाव दे व उपरोक्त निर्णयों के क्रियान्वयन में मदद करे.’’ यह भी निर्णय लिया गया है, ‘‘हर प्रांत के स्तर पर भिन्न-भिन्न विषयों पर चर्चा करने व निर्णय हेतु राजनीतिक मामलों की समिति का गठन किया जाएगा.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व प्रदेश कांग्रेस कमिटियों का सत्र साल में एक बार अवश्य आयोजित होगा. इसी प्रकार, जिला, ब्लॉक व मंडल समितियों की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाएगी.’’ कांग्रेस ने अपने ‘नवसंकल्प’ में कहा है, ‘‘आज़ादी के 75वर्ष पूरे होने पर हर जिला स्तर पर 9 अगस्त से 75 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का आयोजन हो, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के लक्ष्यों व त्याग तथा बलिदान की भावना प्रदर्शित हो. ’’ इसमें कहा गया है, ‘‘बदलते परिवेश में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया व संचार विभाग के अधिकारक्षेत्र, कार्यक्षेत्र व ढांचे में बदलाव कर व्यापक विस्तार किया जाए तथा मीडिया, सोशल मीडिया, डाटा, अनुसंधान, विचार विभाग आदि को संचार विभाग से जोड़ विषय विशेषज्ञों की मदद से और प्रभावी बनाया जाए.’’

पार्टी ने फैसला किया है कि प्रदेशों के सभी मीडिया, सोशल मीडिया, अनुसंधान आदि विभागों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अंतर्गत रखकर सीधा जुड़ाव बनेगा, ताकि पार्टी का संदेश प्रतिदिन देश के कोने-कोने में फैल सके.

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