देश की खबरें | सड़क दुर्घटना में मारी गई छात्रा के परिजनों को न्यायाधिकरण ने 12 लाख रुपये का मुआवजा दिया

ठाणे (महाराष्ट्र), 23 सितंबर ठाणे में मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में सड़क दुर्घटना का शिकार हुई 19 वर्षीय इंजीनियरिंग की छात्रा के माता-पिता को करीब 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

अपने आदेश में एमएसीटी सदस्य एच एम भोसले ने दुर्घटना में शामिल कार के मालिक और यूनाइटेड इंडिया जनरल इंश्योरेंस कंपनी को दावाकर्ता को दावा दायर करने की तिथि से हर वर्ष आठ प्रतिशत ब्याज दर के साथ संयुक्त रूप से भुगतान करने का आदेश दिया।

आदेश 13 सितंबर को जारी किया गया और इसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई।

पीड़ित के पिता विजय हरीशचंद्र मौर्य (54) और मां शकुंतला ठाणे में लोकमान्य नगर के निवासी हैं, जिन्होंने यह दावा दायर किया था।

दावाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील अमित चौधरी ने न्यायाधिकरण को बताया कि उनकी बेटी श्रद्धा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी और वह पार्ट-टाइम नौकरी भी करती थी। उन्होंने बताया कि वह हर महीने करीब 15,000 रुपये कमाती थी और याचिकाकर्ता अपनी बेटी की आय पर निर्भर थे।

नौ जनवरी, 2018 को श्रद्धा एक कार से एक्सप्रेसवे होते हुए मुंबई से पुणे जा रही थी। आरोप के मुताबिक कार का चालक वाहन लापरवाही से चला रहा था और वे सावरोली टोल प्लाजा से गुजर रहे थे तभी सुबह करीब पौने 10 बजे कार ने एक टेंपो को टक्कर मार दी। इसके परिणामस्वरूप श्रद्धा को चोट आईं और बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इंश्योरेंस कंपनी की ओर से पेश हुए वकील ए के तिवारी ने विभिन्न आधारों पर दावे का विरोध किया।

आदेश में एमएसीटी सदस्य ने कहा कि मुआवजे की राशि में पीड़ित के आश्रितों के लिए 10,58,400 रुपये, संपत्ति के नुकसान और अंतिम संस्कार के खर्च प्रत्येक के लिए 16,500 रुपये और पारिवारिक साझेदारी के लिए 88,000 रुपये शामिल होंगे।

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