जगन मोहन रेड्डी पर पार्टी को फिर से खड़ा करने की जिम्मेदारी: राजनीतिक विश्लेषक
आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) को करारी हार मिलने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है अब पार्टी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी की प्राथमिकता अपनी पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की होनी चाहिए.
अमरावती, 6 जून : आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) को करारी हार मिलने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है अब पार्टी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी की प्राथमिकता अपनी पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की होनी चाहिए. वाईएसआरसीपी विधानसभा की 175 में से सिर्फ 11 सीट और लोकसभा की 25 में से सिर्फ चार सीट ही जीत पाई है. राजनीतिक विश्लेषक वी अंजी रेड्डी का कहना है कि विधानसभा चुनाव में जीती गई सीट की संख्या के लिहाज से जगन मोहन रेड्डी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा भी नहीं मिल सकता है.
अंजी रेड्डी ने कहा, ‘‘उन्हें (जगन को) पार्टी को नए सिरे से खड़ा करना होगा है. पार्टी का कोई संगठन नहीं है. वाईएसआरसीपी के पास जमीनी स्तर पर कोई ढांचा नहीं है. पार्टी का कोई उच्च स्तर भी नहीं है. क्या आपने कभी पार्टी में राजनीतिक कार्यकारिणी नाम की चीज देखी है? क्या इसकी कभी कोई बैठक हुई है? क्या पार्टी का जिला, मंडल और गांव स्तर पर कोई संगठनात्मक ढांचा है.’’ उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि पिछले पांच वर्षों में जगन मोहन रेड्डी अपने विधायकों के लिए उपलब्ध नहीं थे, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. राजनगरम विधानसभा सीट जनसेना के बी बलरामकृष्ण से 34,049 वोटों से हारने वाले वाईएसआरसीपी नेता जे राजा ने इस हार के लिए जगन मोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों और पार्टी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया. यह भी पढ़ें : नई लोकसभा में नव निर्वाचित सांसदों की औसत आयु 56 वर्ष: पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजा ने दावा किया, ‘‘धनंजय रेड्डी जैसे अधिकारियों ने मनरेगा कार्यों के लिए बिलों को मंजूरी नहीं दी...उन्होंने पार्टी को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है. कुछ अधिकारियों और उनके साथियों ने मुख्यमंत्री (जगन) के आसपास एक दायरा खींच दिया और उन्हें दूर रखा. अगर मुख्यमंत्री को कोई दस्तावेज दिया जाता था तो वे उन्हें सौंप देते थे.’’ अंजी रेड्डी ने कहा कि वाईएसआरसीपी के संस्थापक को जनता के फैसले का सम्मान करना चाहिए इस बीच, एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक तेलकापल्ली रवि ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी को आत्मचिंतन करना चाहिए कि कहां गलती हुई और चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाना बंद करना चाहिए.