देश की खबरें | उत्तर प्रदेश में जमाखोरों पर अंकुश लगाने की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारियों को दी गई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य में आलू, टमाटर और प्‍याज के भावों को नियंत्रित करने की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

लखनऊ, 12 अक्‍टूबर उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य में आलू, टमाटर और प्‍याज के भावों को नियंत्रित करने की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है।

सरकार ने निर्देश दिया है कि जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी अपने स्तर से तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे। सरकारी प्रवक्‍ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।

यह भी पढ़े | IPL के 28वें मैच में कोलकाता के खिलाफ बेंगलुरू ने जीता टॉस, पहले बल्लेबाजी का फैसला: 12 अक्टूबर 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.

प्रवक्‍ता ने बताया कि इस सिलसिले में उद्यान विभाग द्वारा शासनादेश जारी किया गया है कि जिलों के निजी शीतगृहों में आलू भंडारण की अवधि 31 अक्टूबर, तक प्रभावी रखे। आलू प्याज व टमाटर की आवक एवं बिक्री के संबंध में प्रभावी कार्यवाही इस प्रकार सुनिश्चित करें कि इनकी जमाखोरी न हो सके।

कोविड-19 के संक्रमण के चलते एवं प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में जल भराव के कारण मौसमी हरी सब्जियों के उत्पादन प्रभावित होने से आलू एवं टमाटर के दाम में वृद्धि हुई है।

यह भी पढ़े | Gangrape in Buxar: बिहार के बक्सर में युवती से गैंगरेप के बाद बेटे की हत्या का आरोप, 1 आरोपी गिरफ्तार.

जिलाधिकारियों को यह भी कहा गया है कि जिला स्‍तर पर सभी हिताधारकों जैसे शीतगृह स्वामी, स्थानीय आढती, कृषक उत्पादक संगठन एवं उत्पादकों के साथ बैठक करें और बाजार भाव को नियंत्रित रखने की कार्यवाही सुनिश्चित करें।

उद्यान विभाग के अनुसार प्रदेश में एक अनुमान के अनुसार आलू की औसत खपत लगभग 6.5 लाख मीट्रिक टन रहती है। वर्तमान समय खरीफ का अन्तिम एवं रबी का प्रारंभ होने के कारण हरी सब्जियों की आवक बाजार से कम हो जाती है, जिससे आलू की खपत में वृद्धि होना स्वाभाविक है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\