देश की खबरें | पूर्ववर्ती सरकार ने सत्ता के लोभ में राष्ट्रीय हितों को तिलांजलि दी : मोदी

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नयी दिल्ली, 22 जुलाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान सत्ता के लोभ में राष्ट्रीय हितों को तिलांजलि दी गई।

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र को बर्बाद कर दिया लेकिन उनकी सरकार ने वित्तीय सेहत को फिर से बहाल किया।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से भारत अब उन देशों में शामिल है जिनका बैंकिंग क्षेत्र बहुत मजबूत है।

करीब 70 हजार लोगों को डिजिटल माध्यम से नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद एक रोजगार मेला को संबोधित करते हुए मोदी ने रेखांकित किया कि नियुक्ति पाने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल हैं, जो बैंकिंग क्षेत्र में काम करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सरकार द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जाने से पहले कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र को ‘बर्बाद’ कर दिया था।

मोदी ने कहा कि ‘फोन बैंकिंग’ घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था, जिसकी वजह से बैंकिंग प्रणाली की कमर टूट गई थी।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के लिए फोन बैंकिंग की अवधारणा अलग थी, क्योंकि उस समय हजारों करोड़ रुपये का ऋण कुछ नेताओं और परिवारों के चहेते लोगों को दिए जाते थे और ये ऋण वापस करने के लिए नहीं होते थे।

केंद्र में 2004 से 2014 तक संप्रग सरकार थी।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने बैंक प्रबंधन को मजबूत करने, छोटे बैंकों का विलय करने और इस क्षेत्र की मदद के लिए पेशेवर माहौल बनाने सहित कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हजारों करोड़ रुपये के घाटे और गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की वजह से जाने जाते थे, लेकिन अब वे रिकॉर्ड लाभ के लिए जाने जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा और ‘मुद्रा’ योजना के तहत ऋण के माध्यम से गरीबों और असंगठित क्षेत्रों के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने के वास्ते बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।

मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक विश्वास एवं आकर्षण के केंद्र के रूप में उभरा है और देश को इसका भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अवसर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की गिनती अब उन देशों में की जाती है जिनकी बैंकिंग प्रणाली मजबूत है लेकिन नौ साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी।

मोदी ने नए भर्ती युवाओं से कहा, ‘‘ बर्बादी के कई उदाहरण है जो सत्ता के लोभ में राष्ट्रीय हितों की तिलांजलि देने से हुई। हमारे बैंकिंग क्षेत्र को पूर्ववर्ती सरकार में बर्बादी का सामना करना पड़ा।’’

उन्होंने कहा कि उन दिनों चहेतों को जो कर्ज दिया गया उसकी वापसी नहीं हुई और पूर्व की देनदारी का भुगतान दिखाने के लिए एक के बाद एक कर्ज दिए गए।

मोदी ने कहा कि दिवालिया संहिता जैसे कानूनों से बैंकों की एनपीए से रक्षा की गई जबकि बैंकों को चूना लगाने के आरोपियों के खिलाफ उनकी संपत्ति कुर्क करने जैसे कड़े कदम उठाए गए।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बैंकों में पांच लाख रुपये तक जमा राशि का बीमा किया जिससे 99 प्रतिशत से अधिक खाताधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।

प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन न केवल नए भर्ती युवाओं के लिए स्मरणीय है बल्कि देश के लिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि आज के दिन ही संविधान सभा ने वर्ष 1947 में पहली बार ‘तिरंगे’को अंगीकार किया।

उन्होंने कहा कि अगले 25 साल नए भर्ती युवाओं और राष्ट्र के लिए अहम हैं क्योंकि इस अवधि में विकसित देश बनने का सफर तय करना है। मोदी ने रेखांकित किया कि उनके शासनकाल में भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी।

उन्होंने कहा कि अधिकतर विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी और वह ऐतिहासिक क्षण होगा।

मोदी ने कहा कि इससे प्रत्येक क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आम नागरिकों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने नीति आयोग की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया जिसके मुताबिक गत पांच साल में 13 करोड़ भारतीयों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है।

मोदी ने पक्का मकान और शौचालय बनाने, जनधन खाता खोलने और गरीबों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने जैसी सरकारी योजनाओं को लागू करने में सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई कड़ी मेहनत की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सफलता दिखाती है कि अगर हम भारत से गरीबी हटाने की कोशिश बढ़ाएं तो इसका पूरी तरह से उन्मूलन किया जा सकता है और इसमें प्रत्येक सरकारी कर्मचारी की भूमिका है।’’

मोदी ने कहा कि नव मध्यम वर्ग के विस्तार के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं और उनकी बढ़ती मांग और आकांक्षा से विनिर्माण क्षेत्र मजबूत हो रहा है।

युवाओं के लिए नए अवसर को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई देशों में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है और कामकाजी आबादी घट रही है, ऐसे में दुनिया भारतीय प्रतिभा की ओर देख रही है।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार युवा आबादी के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसके मद्देनजर पेशेवर शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ रही है।

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