देश की खबरें | दरकते जनाधार के बीच कांग्रेस के हाथ से फिसली एक और राज्य की सत्ता

नयी दिल्ली, 30 जून चुनावी हार और दरकते जनाधार के बीच अब तक सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। महाराष्ट्र की सत्ता से महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की विदाई के रूप में कांग्रेस को नया झटका लगा है।

हाल ही में उदयपुर चिंतन शिविर के दौरान संगठन के भीतर ‘बड़े सुधारों’ की घोषणा के बाद से नेताओं का पलायन नहीं थमा और इस बीच, शिवसेना के भीतर बगावत के कारण महाराष्ट्र के घटनाक्रम ने कांग्रेस की भागीदारी वाली सरकार का पटाक्षेप कर दिया।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।

अब कांग्रेस की राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार है तो झारखंड में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के कनिष्ठ सहयोगी के रूप में सत्ता की भागीदार है। तमिलनाडु में भी वह सत्तारूढ़ द्रमुक की कनिष्ठ सहयोगी की भूमिका में है।

कांग्रेस ने इस साल कुछ महीने पहले पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद इस महत्वपूर्ण राज्य की सत्ता को गंवा दिया । इस साल कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में भी निराशा हाथ लगी थी।

कांग्रेस के लिए एक और बड़ी चुनौती नेताओं का पार्टी छोड़ना भी है। हाल ही में हार्दिक पटेल और सुनील जाखड़ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कहा था। उनसे पहले जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थामा था और वह फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।

पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस छोड़ने वाले कई प्रमुख नेताओं में कई नाम ऐसे हैं जो कभी राहुल गांधी की ‘युवा ब्रिगेड’ का हिस्सा माने जाते थे।

राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले प्रमुख युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला मार्च, 2020 में उस समय हुआ जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया । नतीजा यह हुआ कि मध्य प्रदेश में 15 साल के बाद बनी कांग्रेस की सरकार 15 महीनों में ही सत्ता से बाहर हो गई।

पिछले साल ही महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव कांग्रेस को छोड़कर तृणमूल कांग्रेस के पाले में चली गईं। इससे पहले झारखंड में अजय कुमार, हरियाणा में अशोक तंवर और त्रिपुरा में प्रद्युत देव बर्मन जैसे युवा नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। अजय कुमार की अब कांग्रेस में वापसी हो चुकी है।

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