हमले में अधिकारी का हाथ काटा, पुलिस ने निहंग गुरुद्वारे में छिपे 11 व्यक्तियों को किया गिरफ्तार
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पटियाला/ चंडीगढ़, 12 अप्रैल पंजाब के पटियाला जिले में रविवार को निहंगों के एक समूह ने पुलिस दल पर हमला कर दिया और तलवार से एक अधिकारी का हाथ काट दिया। इस हमले में तीन अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।

पुलिस ने बताया कि एक एसयूवी में सफर कर रहे निहंगों के एक समूह ने उस समय पुलिस दल पर हमला किया जब उनसे पटियाला जिले में एक थोक सब्जी मंडी के बाहर कर्फ्यू पास दिखाने को कहा गया। इसके बाद पुलिस ने एक कार्रवाई की और गुरुद्वारे से 11 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस ने कुछ गोलियां भी चलायीं।

हमले में सहायक उप निरीक्षक हरजीत सिंह का हाथ तलवार से काट दिया गया और तीन अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस समूह ने पुलिस दल पर सन्नौर नगर में थोक सब्जी मंडी के बाहर हमला किया। इसमें एक 'मंडी' अधिकारी भी घायल हो गया।

हमले के बाद यह समूह भाग गया और पटियाला शहर से लगभग 25 किमी दूर बलबेरा गांव में निहंग डेरा परिसर में छुप गया जहां गुरुद्वारा खिचड़ी साहिब भी स्थित है।

गुरुद्वारे में गतिरोध घंटों तक चला। बाद में पुलिस ने गुरुद्वारे में प्रवेश किया और मंडी हमले में शामिल पांच लोगों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने कहा कि एक निहंग डेरा सदस्य, निरभव सिंह गोली लगने से घायल हो गया और उसे पटियाला के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, चंडीगढ़ पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में डॉक्टरों ने सात घंटे से अधिक समय तक चले ऑपरेशन के बाद एएसआई हरजीत सिंह का बायां हाथ जोड़ दिया।

सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में सहायक उपनिरीक्षक हरजीत सिंह मदद मांगते हुए दिखाई देते हैं। एक व्यक्ति कटा हाथ उठाकर अधिकारी को देता है। उन्हें इसके बाद एक दुपहिया वाहन से वहां से ले जाया जाता है।

पुलिस ने कहा कि एएसआई को पास के राजिंद्र अस्पताल ले जाया गया और फिर वहां से चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर रेफर कर दिया गया। तीन अन्य घायल पुलिसकर्मियों में सदर पटियाला के थाना प्रभारी बक्कर सिंह, एएसआई राज सिंह और एएसआई राघबीर सिंह शामिल हैं।

ये सभी कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन को लागू कराने के लिए मंडी के बाहर तैनात थे। थोक मंडी के बाहर अवरोधक लगाए गए हैं और प्रवेश केवल कर्फ्यू पास धारक व्यक्तियों के लिए है।

पुलिस ने बताया कि ‘निहंगों’ (परंपरागत हथियार रखने वाले और नीली लंबी कमीज पहनने वाले सिख) का एक समूह एक एसयूवी वाहन में पहुंचा और मंडी के अधिकारियों ने उन्हें रुकने के लिए कहा।

पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा, “उनसे (कर्फ्यू) पास दिखाने को कहा गया, लेकिन उन्होंने अपनी गाड़ी गेट और बैरिकेड से टकरा दी।”

इसके बाद निहंगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और अपने डेरा भाग गए। पुलिस ने इसके पीछे बाबा बलविंदर सिंह के होने का आरोप लगाया जो डेरा का प्रमुख है।

पुलिस ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (पटियाला जोन) जतिंदर सिंह औलख के नेतृत्व में चलाए गए एक अभियान में पुलिस ने गुरद्वारे से एक किलोमीटर दूर लोगों की आवाजाही रोक दी और उसे घेर लिया।

कई पुलिसकर्मियों ने आसपास के खेतों में मोर्चा संभाला। इस अभियान में पंजाब पुलिस का विशेष अभियान समूह (एसओजी) शामिल था। मीडिया को गुरद्वारे के पास जाने से रोक दिया गया।

पुलिस ने कहा कि तीन पिस्तौल, कुछ खोखे, दो पेट्रोल बम, तलवारें, एलपीजी सिलेंडर, चूरा पोस्त की पांच बोरियां एवं अन्य मादक पदार्थ और 39 लाख रुपये नकद बरामद किये गए।

पंजाब पुलिस के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने पीटीआई को बताया, ‘‘हमने उन्हें आत्मसमर्पण करने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।’’

अंदर से निहंगों ने पुलिसकर्मियों को गालियां भी दीं।

पुलिस ने कहा कि एक सरपंच सहित स्थानीय लोग भी उनसे बात करने के लिए अंदर गए, लेकिन वे नहीं माने।

पुलिस ने कहा कि निहंगों ने डेरा चारदीवारी के पास खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले गैस सिलेंडर भी रखे थे और वे उसमें विस्फोट करने की तैयारी कर रहे थे।

पुलिसकर्मियों ने गुरुद्वारा परिसर के अंदर चीख-पुकारें सुनी जिससे शक हुआ कि भीतर कुछ निर्दोष लोग और बंधक हो सकते हैं। उसके बाद पुलिस ने निहंगों को बाहर निकालने के लिए भीतर प्रवेश किया। पुलिसकर्मियों पर कुछ गोलियां भी चलायी गईं।

पंजाब के विशेष मुख्य सचिव के बी एस सिद्धू ने कहा कि पुलिस ने जब गुरुद्वारे में प्रवेश किया तो आदरपूर्वक कार्य किया।

उन्होंने ट्वीट किया, “पुलिस दल ने गुरद्वारे में प्रवेश करने के दौरान पूरी मर्यादा का पालन किया। भीतर महिलाएं और बच्चे भी थे, जिन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा।’’

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने कानून तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति से ‘‘सख्त तरीके से’’ निपटने के लिए पुलिस को निर्देश दिए हैं।

अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने भी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘सभ्य समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।’’

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने इस हमले की निंदा की और लोगों से कर्फ्यू पाबंदियों का पालन करने के लिए कहा।

शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी घटना को बर्बर करार दिया और ‘‘कानून तोड़ने वालो के खिलाफ’’ कार्रवाई की मांग की।

आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई प्रमुख एवं संगरूर से सांसद भगवंत मान ने भी आरोपियों के खिलाफ ‘‘कठोरतम कार्रवाई’’ की मांग की।

वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फूलका ने भी आरोपियों के खिलाफ ‘‘कड़े दण्ड’’ की मांग की।

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आरोपियों के खिलाफ ‘‘समयबद्ध कार्रवाई’’ की मांग की और लोगों से लॉकडाउन के बीच प्राधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।

पुलिसकर्मियों पर हमले के लिए सदर पुलिस थाने में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।

एक महिला सहित 11 लोगों के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। यह भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और आपदा प्रबंधन और विस्फोटक पदार्थों से संबंधित कानूनों के तहत दर्ज किया गया है।

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