देश की खबरें | कोविड-19 की दूसरी लहर की तीव्रता का अंदाज नहीं था, और लहरों के लिए तैयार रहना होगा: विजयराघवन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन ने बुधवार को आगाह किया कि चूंकि सार्स-सीओवी2 और उत्परिवर्तित हो रहा है इसलिए नयी लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए। विजयराघवन ने साथ ही यह भी कहा कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तीव्रता का पूर्वानुमान नहीं जताया गया था।

नयी दिल्ली, पांच मई प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन ने बुधवार को आगाह किया कि चूंकि सार्स-सीओवी2 और उत्परिवर्तित हो रहा है इसलिए नयी लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए। विजयराघवन ने साथ ही यह भी कहा कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तीव्रता का पूर्वानुमान नहीं जताया गया था।

उन्होंने कहा कि हालांकि टीके ब्रिटेन में सामने आये कोविड-19 के नये प्रकार और दोहरे उत्परिवर्तन के खिलाफ प्रभावकारी हैं लेकिन वायरस के आगे और उत्परिवर्तन करने के मद्देनजर निगरानी और टीके को अद्यतन करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि टीके और अन्य प्रकार की स्थिति के संदर्भ में रणनीति में बदलाव के साथ तैयार होना आवश्यक है।

देश के शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा कि कम ऐहतियाती उपाय, पहली लहर से आबादी में कम प्रतिरक्षा के चलते दूसरी लहर अधिक तीव्र हो रही है और इससे अभी तक देश भर में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है और लाखों लोग संक्रमित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कई कारकों के चलते यह दूसरी लहर अधिक तीव्र हो रही है और कोविड-19 के नये प्रकार इनमें से एक हैं। उन्होंने कहा कि पहली लहर पिछले साल सितंबर में उच्चतम स्तर पर थी और उसके बाद मामलों में कमी आने लगी थी।

उन्होंने कहा कि दो कारकों के कारण पहली लहर में गिरावट आई।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ा, वैसे-वैसे संक्रमित लोगों में प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती गई। चूंकि इस स्तर पर हर किसी ने सावधानी बरती संक्रमण कम फैला। लेकिन जैसे-जैसे सावधानी में कमी आई संक्रमण के नए अवसर उत्पन्न हुए और आबादी के बीच प्रतिरक्षा का स्तर अक्सर संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कई लोग नई प्रतिरक्षा सीमा तक पहुंचने से पहले ही संक्रमित हो जाते हैं। ऐसी दूसरी लहर आम तौर पर पहले की तुलना में छोटी होती है। ऐसी ही दूसरी लहर की उम्मीद थी। हालांकि, कई कारक दूसरी लहर में बदलाव करके उसे पहली की तुलना में बहुत बड़ी बना सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘(हालांकि) हम इतनी तीव्रता वाली जो बड़ी दूसरी लहर देख रहे हैं, उसका पूर्वानुमान नहीं जताया गया था।’’

सार्स-सीओवी2 के बदलाव और इसकी बढ़ती क्षमता पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वायरस 2019 में वुहान में उभरा और वह उस समय सामान्य था जो कई स्तनपायी प्रजातियों को संक्रमित कर सकता था।

उन्होंने कहा कि पहले चरण में हर महीने दो उत्परिवर्तन हुए।

हालांकि, अक्टूबर 2020 में शुरू होने वाले दूसरे चरण में नाटकीय बदलाव हुए और ब्रिटेन में सामने आये नये प्रकार जैसे नये प्रकार सामने आए।

उन्होंने कहा, ‘‘2021 की शुरुआत में पूरी दुनिया में बहुत बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए। प्रतिरक्षा बढ़ने के साथ, वायरस को बढ़ने का अवसर नहीं मिला। हालांकि उसे कुछ ऐसे विशेष क्षेत्र मिलते हैं जहां यह फैल सकता है, इसलिए यह बेहतर तरीके से फैलने के लिए बदलाव करता है।’’

विजयराघवन ने कहा, ‘‘वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अपरिहार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी। हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि दूरी बनाये रखने से प्रसार पर लगाम लगायी जा सकती है।

उन्होंने कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘यह वायरस मनुष्य से मनुष्य में ही फैल सकता है।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों में 1 लाख से अधिक उपचाराधीन मामले हैं।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार उन राज्यों में से हैं जहां प्रतिदिन सामने आ रहे मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

अग्रवाल ने कहा कि 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 15 प्रतिशत से अधिक कोविड सकारात्मकता दर है।

वी के पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य) नीति अयोग ने ‘‘चिकित्सक बिरादरी’’ से अपील की कि वे आगे आएं और कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों और परिवारों को घर पर ही फोन पर सलाह मुहैया करायें।

डॉ पॉल ने कहा, ‘‘बदलते वायरस के प्रति प्रतिक्रिया वही है। हमें कोविड-19 उचित व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता है जैसे कि मास्क लगाने, एकदूसरे से दूरी बनाये रखने, स्वच्छता बनाये रखने, कोई अनावश्यक मुलाकात नहीं करना और घर पर रहना।’’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बीमारी जानवरों से नहीं फैल रही है, यह मानव से मानव संचरण है।

एक अन्य सवाल के जवाब में अग्रवाल ने कहा कि विदेशी सहायता की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों के एक समूह द्वारा की जा रही है।

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