इस साल दुनिया ने देखा सबसे गर्म सितंबर, अब आगे क्या होगा?
यूरोपीय संघ की 'कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस' के आंकड़े जलवायु परिवर्तन की भयावह सूरत दिखाते हैं.
यूरोपीय संघ की 'कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस' के आंकड़े जलवायु परिवर्तन की भयावह सूरत दिखाते हैं. देखिए और क्या-क्या बता रहे हैं आंकड़े.यूरोपीय संघ की 'कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस' (C3S) ने आंकड़े पेश किए हैं कि इस साल का सितंबर अब तक का सबसे गर्म सितंबर रहा है. वहीं साल के पहले नौ महीनों में पूरी दुनिया का तापमान औसत से 0.52 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था. रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2023 अब तक का सबसे गर्म साल बनने जा रहा है.
इससे पहले हुए अध्ययन बताते हैं कि साल 2016 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है. लेकिन, 2023 के पहले नौ महीनों का तापमान 2016 के पहले नौ महीने के तापमान से भी 0.05 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा.
इस साल अब तक दुनिया का औसत तापमान, औद्योगीकरण से पहले 1850 से 1900 के बीच के औसत तापमान से 1.40 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है.
C3S की डिप्टी डायरेक्टर समांथा बर्जेस कहती हैं, "महत्वाकांक्षी जलवायु योजना जल्द से जल्द तैयार होने की जरूरत इससे पहले कभी इतनी अहम नहीं रही है". यह कहते हुए बर्जेस ने इस तथ्य पर जोर दिया कि अब से दो महीने बाद ही दुबई में संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलन (COP) होने जा रहा है.
वैज्ञानिक बताते हैं कि जीवाश्म ईंधनों को जलाने की वजह से जलवायु बदल रही है. इसी वजह से हमें चरम हालात वाले मौसम झेलने पड़ रहे हैं. जैसे लू और तूफान अब ज्यादा प्रचंड होने लगे हैं और बार बार आने लगे हैं.
सितंबर के बारे में और क्या है रिपोर्ट में?
रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2023 अब तक के इतिहास का सबसे गर्म सितंबर रहा. इस महीने वातावरण में हवा का औसत तापमान 16.38 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. यह 1991 से 2020 के बीच, महीने के औसत से 0.93 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है.
इससे पहले साल 2020 के सितंबर को अब तक का सबसे गर्म सितंबर दर्ज किया गया था. लेकिन, 2023 के सितंबर का तापमान इससे भी 0.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा. साल 2020 में सितंबर का तापमान औद्योगिक काल से पहले के सितंबर के औसत से तकरीबन 1.75 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म था.
बर्जेस कहती हैं, "इस साल रिकॉर्ड गर्मी पड़ने के बाद सितंबर में जो अभूतपूर्व तापमान दर्ज किया गया है, उसने कई रिकॉर्ड बड़े अंतर से तोड़ दिए हैं." बर्जेस 2023 के सितंबर को 'चरम' बताती हैं. उनके मुताबिक सितंबर के तापमान की वजह से 2023 अब तक का सबसे गर्म साल रहने वाला है, जो औद्योगिक काल से पहले से औसत तापमान से 1.4 डिग्री सेल्सियस अधिक होगा.
बारिश भी ज्यादा हुई इस सितंबर
यूरोप में सितंबर का महीना न सिर्फ सबसे गर्म रहा, बल्कि पिछले सालों के मुकाबले इस साल बारिश भी ज्यादा हुई. रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी यूरोप के समुद्री तटों के कई हिस्सों में स्थितियां 'औसत से ज्यादा आर्द्र' रहीं.
रिपोर्ट में बताया गया कि ग्रीस में जो भारी बारिश हुई, उसका ताल्लुक डैनियल तूफान से था. लीबिया में बाढ़ भी इसी तूफान की वजह से आई, जिसकी वजह से हजारों लोग मारे गए और देश के पूर्वी शहर डेरना में बड़े पैमाने पर तबाही हुई.
इसके अलावा यूरोप में पश्चिमी इबेरियन प्रायद्वीप, आयरलैंड, उत्तरी ब्रिटेन और स्कैंडिनेविया भी बारिश से प्रभावित रहे. यूरोप के अलावा लैटिन अमेरिका के ब्राजील और चिली जैसे देशों में 'चरम मौसम घटनाएं' हुईं. ब्राजील और चिली के दक्षिणी इलाकों में कई बार भारी बारिश हुई.
C3S का मकसद
C3S को यूरोपीय आयोग (यूरोपियन कमीशन) की ओर से 'यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट्स' संचालित करता है. इसके लिए आर्थिक संसाधन यूरोपीय संघ मुहैया कराता है.
C3S के मुताबिक रिपोर्ट में दर्ज आंकड़े और अनुमान कंप्यूटर-जनित विश्लेषणों पर आधारित हैं. इसमें सैटेलाइटों, जहाजों, एयरक्राफ्ट और दुनियाभर के मौसम केंद्रों के आंकड़े इस्तेमाल किए गए हैं.
वीएस/ओएसजे (एपी, रॉयटर्स)