देश की खबरें | नासा के पूर्व वैज्ञानिक डॉ त्यागी के परिवार ने विश्वविद्यालय को अपना पुश्तैनी मकान दान किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. नासा के पूर्व वैज्ञानिक और मेरठ निवासी डॉ. रमेश चंद त्यागी की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके परिजनों ने उनका पुश्तैनी मकान शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) को दान कर दिया है।
मेरठ, 22 नवंबर नासा के पूर्व वैज्ञानिक और मेरठ निवासी डॉ. रमेश चंद त्यागी की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके परिजनों ने उनका पुश्तैनी मकान शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) को दान कर दिया है।
मेरठ के बुढ़ाना गेट क्षेत्र में स्थित और लगभग 400 वर्ग मीटर में फैले इस मकान की कीमत करोड़ों रुपये आंकी गयी है, जिसे शैक्षणिक विकास में उपयोग के लिए विश्वविद्यालय को सौंप दिया गया है।
डॉ. त्यागी की इच्छा के अनुरूप यह मकान दान किया गया है ताकि इसका उपयोग भावी पीढ़ियों की बेहतरी के लिए किया जाए। डॉ. त्यागी के बेटे डॉ. दिनेश त्यागी के साथ अमेरिका में रहने वाली नासा के पूर्व वैज्ञानिक की भतीजी शिखा त्यागी ने दान को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के साथ बैठक में शिखा त्यागी ने अपने चाचा की इच्छा बताई कि मकान का उपयोग शैक्षणिक उद्देश्यों, विशेष रूप से पुस्तकालय या अध्ययन केंद्र के लिए किया जाए। कानूनी मंजूरी प्राप्त करने के बाद विश्वविद्यालय ने यह दान स्वीकार कर लिया और आधिकारिक रूप से संपत्ति पर कब्जा कर लिया।
प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने दान की पुष्टि करते हुए कहा, ''यहां पुस्तकालय भी हो सकता है। लर्निंग कंप्यूटर सेंटर भी हो सकता है। डॉ रमेश चंद त्यागी जी संगीत के बहुत शौकीन थे और संगीत को लेकर भी कुछ हो सकता है। फिलहाल इसका निर्णय कमेटी करेगी।''
एक प्रमुख भौतिक विज्ञानी डॉ. त्यागी का 2020 में 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उन्होंने भारत के वैज्ञानिक समुदाय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका एक प्रतिष्ठित करियर था, जिसमें 1970 के दशक में नासा के साथ काम करना और बाद में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सॉलिड स्टेट फिजिक्स प्रयोगशाला में मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में कार्य करना शामिल था, जहां उन्होंने भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम में योगदान दिया। डॉ. त्यागी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की रक्षा परियोजनाओं पर काम करने के लिए भारत वापस बुलाया था।
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