केंद्र सरकार लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद बढ़ाने के ज्यादातर राज्यों के अनुरोध पर कर रही विचार

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद आगे बढ़ाये जाने की संभावना है । सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि केंद्र देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह आगे बढ़ाने के अधिकांश राज्यों के आग्रह पर विचार कर रही है।

प्रधानमंत्री के साथ कोरोना वायरस संकट के कारण उत्पन्न स्थिति पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा के दौरान राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने यह आग्रह किया ।

सरकार के मुख्य प्रवक्ता के एस धतवलिया ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत में कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लॉकडाउन को दो सप्ताह और बढ़ाने का आग्रह किया । सरकार इस आग्रह पर विचार कर रही है । ’’

लॉकडाउन बढ़ाने की संभावना के बारे में और स्पष्ट संकेत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट से भी मिला जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन का सही फैसला किया है । आज भारत की स्थिति कई विकसित देशों से बेहतर है क्योंकि हमने प्रारंभ में ही लॉकडाउन शुरू कर दिया । अगर अभी यह रोक दिया जाता है तब इसके फायदे बेकार चले जायेंगे । इसलिये इसे मजबूती प्रदान करने के लिये इसे बढ़ाया जाना जरूरी है । ’’

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर संवाद के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम एक पखवाड़े के लिये बढ़ाने का सुझाव दिया ।

कोविड-19 संकट से निपटने के लिये प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि 14 अप्रैल तक है।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ शनिवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में लॉकडाउन को कम से कम दो सप्ताह तक बढ़ाने का सुझाव दिया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में शनिवार को सुझाव दिया कि देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए।

संवाद में मुख्यमंत्रियों में पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मनोहर लाल, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार आदि ने हिस्सा लिया।

समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने इस महामारी को फैलने से रोकने के प्रयासों में शामिल सभी पक्षकारों और संबंधित एजेंसियों के विचार प्राप्त कर लिये हैं ।

प्रधानमंत्री के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई । पंजाब और ओडिशा सरकार ने पहले ही लॉकडाउन को बढ़ा दिया है ।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से विभिन्न आयामों को लेकर विचार मांगे हैं जिसमें यह पूछा गया है कि क्या कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों और सेवाओं को छूट दिये जाने की जरूरत है । वर्तमान लॉकडाउन में केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है ।

इससे पहले 2 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद के दौरान मोदी ने उनसे लॉकडाउन से ‘क्रमवार’ तरीके से बाहर आने बारे में सुझाव मांगा था ।

वहीं, मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जायेगा । उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि हर व्यक्ति के जीवन को बचाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है ।

अधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा था कि कई राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है । उन्होंने कहा था कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है और कड़े निर्णय लेने की जरूरत है ।

दीपक

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