शीर्ष अदालत ने हत्यारोपी को उच्च न्यायालय से तीन महीने के भीतर मिली जमानत रद्द की
उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तारी के तीन माह के भीतर पटना उच्च न्यायालय द्वारा दी गयी जमानत रद्द कर दी है. आरोपी एक शादीशुदा व्यक्ति है और उस पर अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या करने का आरोप है.
नयी दिल्ली, 29 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तारी के तीन माह के भीतर पटना उच्च न्यायालय द्वारा दी गयी जमानत रद्द कर दी है. आरोपी एक शादीशुदा व्यक्ति है और उस पर अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या करने का आरोप है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने फैसला सुनाया कि उच्च न्यायालय को कुछ संवेदनशील गवाहों की गवाही का इंतजार करना चाहिए था. इन गवाहों में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने दावा किया था कि उन्होंने आरोपी को घटनास्थल पर देखा था या वे कथित विवाहेत्तर संबंध के बारे में जानते थे. पीठ ने 20 अगस्त के अपने आदेश में कहा, ‘‘चूंकि उच्च न्यायालय का जमानत का आदेश बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला है, इसलिए विवादित आदेश खारिज किया जाता है. प्रतिवादी संख्या-एक (प्रीतेश कुमार) को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया जाता है.’’
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के वकील के उस वचन का संज्ञान लिया जिसमें उन्होंने पीठ को अवगत कराया कि सुनवाई की अगली दो लगातार तारीखों पर निजी गवाहों को निचली अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. पीठ ने कहा, "इसके मद्देनजर, निचली अदालत को चार महीने के भीतर मुकदमे को सूचीबद्ध करने और उन गवाहों के बयान दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है." इसमें कहा गया है कि गवाहों के बयान के बाद प्रीतेश को जमानत के लिए नये सिरे से आवेदन करने की स्वतंत्रता होगी. अभियोजन पक्ष के अनुसार, शिवहर जिले के विभूति कुमार सिंह की शिकायत पर 27 अक्टूबर, 2023 को प्रीतेश के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपों के अनुसार, शिकायतकर्ता के चचेरे भाई चंदन कुमार सिंह की शादी एक महिला से हुई थी, जो कथित तौर पर प्रीतेश कुमार के साथ विवाहेतर संबंध में थी. यह भी पढ़ें : झारखंड विस चुनाव के लिए भाजपा जनता से विचार-विमर्श के बाद घोषणापत्र तैयार करेगी: मरांडी
अभियोजन के अनुसार यह आरोप है कि जब पति को इस संबंध के बारे में पता चला, तो महिला और प्रीतेश ने उसे खत्म करने की साजिश रची. पीठ ने अपने आदेश में प्राथमिकी के हवाले से आदेश में लिखा, ‘‘कथित साजिश को अंजाम देने के लिए, वे (प्रीतेश और महिला) बेडरूम में छिप गए और चंदन कुमार सिंह पर एक धारदार हथियार से हमला किया. मृतक के पेट, छाती और गर्दन पर चाकू से कई गहरे घाव किये गये. नतीजतन, चंदन कुमार सिंह की मौके पर ही मौत हो गई. प्रतिवादी संख्या एक (प्रीतेश कुमार) को कथित तौर पर अर्धनग्न हालत में कमरे से भागते हुए देखा गया." फरार आरोपी प्रीतेश को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, उच्च न्यायालय ने हिरासत की अवधि और मामले के तथ्यों और परिस्थितियों का हवाला देते हुए 14 मार्च को उसे जमानत पर रिहा कर दिया था.