देश की खबरें | ठाकुर बांके बिहारी और ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर अब हर रोज खुलेंगे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश सरकार के सप्ताहांत में भी मंदिर खोले जाने के निर्देश के बाद प्रदेश के मथुरा जनपद के ठा. बांकेबिहारी एवं ठा. द्वारिकाधीश मंदिर अब हर रोज खुलेंगे जिससे श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
मथुरा, 27 जून उत्तर प्रदेश सरकार के सप्ताहांत में भी मंदिर खोले जाने के निर्देश के बाद प्रदेश के मथुरा जनपद के ठा. बांकेबिहारी एवं ठा. द्वारिकाधीश मंदिर अब हर रोज खुलेंगे जिससे श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।
गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप से बचने के लिए सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान कर सभी सार्वजनिक गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया था।
दूसरी ओर कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार में आयी कमी के बाद प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी । सप्ताहांत में शनिवार और रविवार को मंदिरों को पहले के समान ही बंद रखा गया था। राज्य सरकार ने शुक्रवार को सप्ताहांत में भी मंदिरों को भक्तों के लिए खोले जाने की अनुमति दे दी थी।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधकों मुनीश शर्मा एवं उमेश सारस्वत ने बताया, ‘‘प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर शनिवार से सभी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोला जा रहा है तथा स्थानीय एवं बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों ने पूर्ववत ठाकुरजी के दर्शन के लिए आना प्रारंभ कर दिया है।’’
इसी प्रकार, मथुरा के ठा. द्वारिकाधीश एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर स्थित सभी मंदिरों को शनिवार से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। अब श्रद्धालु पहले के समान ही रोजाना ठाकुरजी के दर्शन करने में सक्षम हो गए हैं।
ठा. द्वारिकाधीश के मीडिया प्रभारी एडवोकेट राकेश तिवारी ने बताया, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत अब शनिवार और रविवार को भी धर्मस्थल खुलेंगे। उन्होंने बताया कि दो झांकी के दर्शन सुबह और दो झांकी के दर्शन शाम को होंगे।
प्रशासन की ओर से शुक्रवार देर रात धर्मस्थलों को शनिवार और रविवार को भी खोलने की अनुमति दे दी गई जिसके बाद दर्शन सुचारू कर दिए गए हैं।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि प्रदेश सरकार के नये दिशा निर्देशों के साथ धर्मस्थल खोलने की इजाजत दी है, जिनमें मास्क पहनना, सैनिटाइज करना व सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरूरी है।
गौरतलब है कि साप्ताहांत पर ही तकरीबन दो सौ किमी के दायरे में स्थित दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से सबसे ज्यादा श्रद्धालु मथुरा-वृन्दावन में आते हैं।
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