इस्लामाबाद, 28 दिसंबर पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के इस दावे को सिरे से खारिज किया कि पाकिस्तान अंतिम समय में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ समझौते से पीछे हट गया । शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि खतरनाक आतंकवादी संगठन की अनुचित और असंवैधानिक मांगों के कारण वार्ता बेनतीजा रही।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार शीर्ष अधिकारी ने कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) बातचीत की आड़ में अफगान तालिबान के मौन समर्थन से कबायली इलाकों में अपना ‘साम्राज्य’ स्थापित करना चाहता था।
समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार पिछले हफ्ते तेहरान में फलस्तीन पर एक सम्मेलन में अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री मुत्ताकी और पाकिस्तान के सांसद मुशाहिद हुसैन सैयद के बीच अनौपचारिक बातचीत में तालिबान नेता ने कहा कि पाकिस्तान और टीटीपी के बीच अधिकांश मुद्दे 2022 में हल हो गए थे।
उन्होंने तर्क दिया कि विवाद का एकमात्र मुद्दा पूर्व ‘संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों’ (एफएटीए) के विलय के संबंध में था। मुत्ताकी ने कहा कि जब दोनों पक्ष एक समझौते को अंतिम रूप देने के कगार पर थे तभी पाकिस्तान इससे मुकर गया।
हालांकि मामले के जानकार पाकिस्तानी अधिकारी ने मुत्ताकी के बयान को बेतुका बताया और कहा कि अफगानिस्तान का यह कहना सही नहीं है।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि टीटीपी की अनुचित और असंवैधानिक मांगों के कारण वार्ता विफल हो गई थी।
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