जरुरी जानकारी | जून तक उत्तर भारत में चाय उत्पादन में छह करोड़ किलोग्राम की कमी आने की संभावना

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उत्तर भारतीय चाय उद्योग को प्रतिकूल मौसम के कारण चालू फसल वर्ष के जून तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में छह करोड़ किलोग्राम उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ रहा है। एक चाय संगठन ने यह अनुमान लगाया है।

कोलकाता, 20 जून उत्तर भारतीय चाय उद्योग को प्रतिकूल मौसम के कारण चालू फसल वर्ष के जून तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में छह करोड़ किलोग्राम उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ रहा है। एक चाय संगठन ने यह अनुमान लगाया है।

अधिकारियों का कहना है कि पहली और दूसरी फसल वर्ष की सबसे उच्च गुणवत्ता वाली चाय पैदा करती है। इसके नष्ट होने से निस्संदेह उत्पादकों के राजस्व पर असर पड़ेगा और चाय की कीमतें बढ़ सकती हैं।

उत्तर भारतीय चाय उद्योग में शामिल असम और पश्चिम बंगाल के राज्य खतरनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं। मई में अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के साथ-साथ अत्यधिक बारिश और धूप की कमी ने उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है।

भारतीय चाय संघ (टीएआई) अध्यक्ष संदीप सिंघानिया ने अनुमान लगाया कि पिछले वर्ष की तुलना में जून तक संयुक्त फसल का नुकसान छह करोड़ किलोग्राम हो सकता है।

उन्होंने कहा, “संघ के सदस्य चाय बागानों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मई 2024 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः लगभग 20 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की कमी रहने का अनुमान है।”

भारतीय चाय बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2024 तक असम में उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट आएगी।

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