जरुरी जानकारी | टीसीएस बनी 10 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली दूसरी भारतीय कंपनी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद दूसरी ऐसी भारतीय कंपनी बन गई, जिसका बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद दूसरी ऐसी भारतीय कंपनी बन गई, जिसका बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

टीसीएस ने बताया कि उसका निदेशक मंडल कंपनी के शेयर वापस खरीदने के प्रस्ताव पर इस सप्ताहांत विचार करेगा, जिसके बाद शेयर सात प्रतिशत से अधिक बढ़े।

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बीएसई में टीसीएस का शेयर 7.30 प्रतिशत बढ़कर 2,706.85 रुपये पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान इसमें आठ प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिला और यह अपने उच्चतम स्तर 2,727 रुपये पर पहुंच गया।

एनएसई पर कंपनी का शेयर 7.55 प्रतिशत बढ़कर 2,713.95 रुपये पर बंद हुआ।

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शेयर की कीमतों में तेजी के बाद बीएसई पर टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 69,082.25 करोड़ रुपये बढ़कर 10,15,714.25 करोड़ रुपये हो गया।

टीसीएस 10 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण को पार करने वाली दूसरी भारतीय कंपनी है। इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस आंकड़े को पार किया था। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण इस समय 14,95,187.95 करोड़ रुपये है, जो देश में किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के मुकाबले सबसे अधिक है।

इससे पहले टीसीएस ने रविवार रात शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय सूचना में कहा ‘‘कंपनी का निदेशक मंडल सात अक्टूबर 2020 को होने वाली बैठक में शेयर बॉयबैक के प्रस्ताव पर विचार करेगा।’’

शेयरों को वापस खरीदने के बारे में कोई अन्य ब्यौरा नहीं दिया गया।

इसमें कहा गया कि इस दौरान निदेशक मंडल कंपनी के सितंबर तिमाही के वित्तीय परिणामों और दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित करने के बारे में भी विचार करेगा।

वर्ष 2018 में भी कंपनी ने 16,000 करोड़ रुपये के शेयरों की वापस खरीद योजना पर अमल किया था। यह खरीद 2,100 रुपये प्रति शेयर की दर पर की गई थी, जिसमें करीब 7.61 करोड़ शेयरों को वापस खरीदा गया। वर्ष 2017 में भी कंपनी ने इसी तरह के शेयर खरीद कार्यक्रम पर अमल किया था।

टीसीएस की शेयर वापस खरीदने की यह पेशकश उसके दीर्घकालिक पूंजी आवंटन नीति का हिस्सा है। इसके जरिये कंपनी अपनी अतिरिक्त नकदी शेयरधारकों को लौटाती है।

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