देश की खबरें | तमिलनाडु में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रस्ताव

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को एक विधेयक पेश किया जिसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 के तहत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए दंड को बढ़ाने और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 में जमानत से संबंधित कुछ प्रावधानों का प्रस्ताव है।

चेन्नई, 10 जनवरी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को एक विधेयक पेश किया जिसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 के तहत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए दंड को बढ़ाने और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 में जमानत से संबंधित कुछ प्रावधानों का प्रस्ताव है।

तमिलनाडु में बीएनएस और बीएनएसएस को संशोधित करने से जुड़ा यह विधेयक राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि से लागू होगा। इस विधेयक को आपराधिक कानून (तमिलनाडु संशोधन) अधिनियम, 2025 के रूप में जाना जाता है।

इसमें पुलिस अधिकारी या लोक सेवक द्वारा यौन उत्पीड़न के मामले में न्यूनतम चौदह वर्ष और बीस वर्ष के कठोर कारावास (आरआई) का प्रस्ताव है, जिसे आजीवन कठोर कारावास और जुर्माना तक बढ़ाया जा सकता है, बार-बार अपराध करने पर आजीवन कठोर कारावास, मृत्युदंड या आजीवन कठोर कारावास तथा पीड़ित की पहचान उजागर करने पर न्यूनतम तीन वर्ष के कारावास को पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है।

महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उन पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग, यौन उत्पीड़न, पीछा करना तथा एसिड फेंककर या फेंकने का प्रयास करके स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने के लिए कठोर दंडात्मक प्रावधानों का प्रस्ताव किया गया है।

यह विधेयक आज विधानसभा में प्रस्तुत किये गये तीन विधेयकों में से एक है।

विधेयक पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, भलाई और बेहतरी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसलिए राज्य सरकार ने उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

विधेयक में कहा गया है, ‘‘सरकार का दृढ़ विश्वास है कि बीएनएस में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए दंड को बढ़ाने तथा ऐसे अपराधों के लिए अधिक कड़े प्रावधान निर्धारित करके बीएनएसएस में जमानत से संबंधित कुछ प्रावधानों में संशोधन करने से निश्चित रूप से ऐसे निंदनीय कृत्यों पर रोक लगेगी तथा यह सुनिश्चित होगा कि अपराधियों को उनके अपराधों के लिए अनुकरणीय और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।’’

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम, 1998 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पेश किया, ताकि साइबर उत्पीड़न को भी इसमें शामिल किया जा सके, जो बड़े पैमाने पर फैल गया है।

इस विधेयक का दायरा बढ़ाकर अपराधियों के विरुद्ध कठोर दंड का प्रावधान किया जा रहा है, ताकि इस तरह के कृत्यों पर अंकुश लगाया जा सके और अपराधियों को कड़ी सजा दी जा सके।

ग्रामीण विकास मंत्री आई. पेरियासामी ने तमिलनाडु पंचायत अधिनियम, 1994 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया, जिससे सरकार को 28 जिलों में पंचायतों के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार मिल सके ताकि ये अधिकारी चुनाव होने तक नगर निकायों का प्रशासन चला सकें।

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