तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों की लड़ाई में नागरिकों की मौत के मामले बढ़ रहे : संयुक्त राष्ट्र

राजधानी के एक प्रसूति अस्पताल में पिछले सप्ताह हुए एक भयानक हमले की जिम्मेदारी किसी भी समूह द्वारा नहीं ली गयी है, लेकिन अमेरिका ने कहा कि यह अफगानिस्तान के आईएस संबद्ध समूह ने किया है, जो देश के अल्पसंख्यक शियाओं को निशाना बनाते हुए उन पर हमले करते रहते हैं। इन समूहों ने पहले भी कई बार हमले किए हैं।

संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक बयान में इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह द्वारा दावा किए गए घातक हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की।

राजधानी के एक प्रसूति अस्पताल में पिछले सप्ताह हुए एक भयानक हमले की जिम्मेदारी किसी भी समूह द्वारा नहीं ली गयी है, लेकिन अमेरिका ने कहा कि यह अफगानिस्तान के आईएस संबद्ध समूह ने किया है, जो देश के अल्पसंख्यक शियाओं को निशाना बनाते हुए उन पर हमले करते रहते हैं। इन समूहों ने पहले भी कई बार हमले किए हैं।

तालिबान ने प्रसूति अस्पताल के हमले में शामिल होने से इनकार किया है, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में दो शिशु और कई माताएं शामिल थी।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में अप्रैल में 208 नागरिकों की हत्या के लिए तालिबान को दोषी ठहराया गया, जबकि अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अप्रैल में 172 नागरिक मारे या घायल हो गए थे।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुहाएद ने एक ट्वीट करके संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों पर असहमति जताई और इन मौतों के लिए ‘‘अमेरिका द्वारा किये गये अंधाधुंध हवाई हमलों और आंतरिक ताकतों’’ को जिम्मेदार ठहराया।

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि देबोरा लियोन्स ने कहा, ‘‘सभी पक्ष एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं, सभी अफगानी नागरिकों के जीवन की रक्षा करनी चाहिए और युद्ध की समाप्ति तक लोगों की उम्मीद को खतरे में नहीं डालना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अफगान शांति वार्ता जल्द से जल्द शुरू करने की जरूरत है।’’

एपी

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