विदेश की खबरें | ताइवान के राष्ट्रपति ने चीन के ‘संज्ञानात्मक युद्ध’ के खतरे के प्रति आगाह किया

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श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

हेंगचुन, छह सितंबर ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने मंगलवार को कहा कि चीन स्व-शासित द्वीप को डराने के इरादे से आस-पास के जल और हवाई क्षेत्र में अपनी नियमित घुसपैठ के अलावा गलत सूचना फैलाकर "संज्ञानात्मक युद्ध" कर रहा है।

‘संज्ञानात्मक युद्ध’ में मनुष्य के मस्तिष्क को युद्ध क्षेत्र बनाया जाता है। इसके तहत जनमत, मनोवैज्ञानिक और कानूनी साधन का सहारा लेकर जीत हासिल की जाती है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन ने ताइवान के जनसंचार माध्यमों में गहरी पैठ बना ली है और सैन्य मनोबल तथा जनता के विश्वास को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर झूठे विमर्श फैला सकता है।

साई ने पूर्वी शहर हुआलीन में एक वायु रक्षा और मिसाइल बटालियन की यात्रा के दौरान अपने भाषण में कहा, ‘‘ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और खतरा कभी कम नहीं हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चीन के विमानों और जहाजों की नियमित घुसपैठ के अलावा उसने लोगों के दिमाग में अशांति पैदा करने के लिए झूठी सूचनाओं का उपयोग करके संज्ञानात्मक युद्ध भी छेड़ दिया है।’’

साई ने ताइवान की सेना पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन के ड्रोनों के इस्तेमाल का भी जिक्र किया।

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