ईपीएस को समर्थन देने का शीर्ष अदालत का फैसला झटका नहीं, हम जनता की अदालत में जाएंगे: पन्नीरसेल्वम

तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के अपदस्थ नेता ओ पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के उस फैसले से झटका नहीं लगा है जिसमें एदप्पादी के पलानीस्वामी को पार्टी के अंतरिम प्रमुख के रूप में बने रहने की अनुमति दी गई थी.

O. Panneerselvam

चेन्नई, 24 फरवरी : तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के अपदस्थ नेता ओ पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय के उस फैसले से झटका नहीं लगा है जिसमें एदप्पादी के पलानीस्वामी को पार्टी के अंतरिम प्रमुख के रूप में बने रहने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने कहा कि वह लोगों के पास जाएंगे और न्याय मांगेंगे.

शीर्ष अदालत के फैसले पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में पन्नीरसेल्वम ने कहा कि कोई भी फैसला उनके लिए झटका नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "इस फैसले के बाद हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और अधिक उत्साहित हैं."पन्नीरसेल्वम ने निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह 11 जुलाई, 2022 के ‘अवैध प्रस्तावों’ के आधार पर पार्टी के नियमों और पदानुक्रम में कोई बदलाव नहीं करे. उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में एक दीवानी मुकदमा दायर करेंगे. यह भी पढ़ें : MP Road Accident: कोल कुंभ से लौट रही दो बसों को ट्रक ने टक्कर मारी, 8 की मौत

ओपीएस के नाम से मशहूर पन्नीरसेल्वम ने कहा कि 'धर्म युद्ध' जारी है, उन्होंने कहा कि वह और उनके समर्थक न्याय मांगने के लिए लोगों के पास जाएंगे. लोगों तक पहुंचने का अभियान जल्द ही शुरू होगा और इसे पूरे राज्य में जिलेवार आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा, "हम धर्म के पक्ष में खड़े होकर न्याय मांगेंगे." पन्नीरसेल्वम ने कहा कि अब तक उनका खेमा अदालती मामलों पर केंद्रित था और अब से वे लोगों के पास जाने का काम करेंगे.

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