UP Assembly Elections 2022: क्या यूपी में बदलेंगे सियासी समीकरण? केजरीवाल और राजभर की 17 जुलाई को मुलाकात

उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन को लेकर भी प्रारंभिक स्तर पर बातचीत हुई है. मोर्चा के घटक दल जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पिछले दिनों सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी. बातचीत के परिणाम को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी प्रारंभिक स्तर की बातचीत हुई है.

सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: ANI)

बलिया: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से गठबंधन को लेकर निर्णायक बातचीत होगी. राजभर ने कहा कि वह 17 जुलाई को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे और इस दौरान आम आदमी पार्टी से भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ गठबंधन को लेकर निर्णायक बातचीत होगी. UP Assembly Election 2022: विधानसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव की रणनीति तैयार, बताया पार्टी किसके साथ करेगी गठबंधन

मुलाकात के दौरान आप सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहेंगे. राजभर ने बताया कि उनकी पिछले दिनों आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात हुई थी, इसके बाद उन्होंने स्वयं पहल कर केजरीवाल से फोन पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि केजरीवाल ने मुलाकात के लिए 17 जुलाई का समय निर्धारित किया है.

उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन को लेकर भी प्रारंभिक स्तर पर बातचीत हुई है. मोर्चा के घटक दल जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पिछले दिनों सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी. बातचीत के परिणाम को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी प्रारंभिक स्तर की बातचीत हुई है.

यह पूछे जाने पर कि क्या अखिलेश यादव असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन को लेकर तैयार होंगे? इस पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता, सभी का लक्ष्य बीजेपी को रोकना है.

विपक्षी दलों द्वारा महाराजा सुहेलदेव का अपमान करने के आरोप संबधी उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्‍याण मंत्री अनिल राजभर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बीजेपी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. अनिल राजभर ने कहा था कि समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, ओम प्रकाश राजभर और असदुद्दीन ओवैसी में कोई फर्क नहीं है. इनमें से जिसे जब मौका मिला, उन्होंने सैयद सलार मसूद गाजी को सम्मानित कर राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव का अपमान किया है.

उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जब वह बहराइच गये ही नहीं तो फिर सैयद सलार मसूद गाजी के मजार व राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर के स्मारक पर जाने का सवाल ही कहां से पैदा होता है.

उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव के बाद सरकार बनाने में छोटे दलों की निर्णायक भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी को मजबूरन अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्री बनाना पड़ा तथा संजय निषाद को साथ रखना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी छोटे दलों से गठबंधन की बात कर रहे हैं.

बीजेपी पर तंज करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को कांग्रेस मुक्त करने की घोषणा की थी, लेकिन आज उनकी सरकार ही कांग्रेस युक्त हो गई है. भागीदारी संकल्प मोर्चा, राजभर के नेतृत्व वाली छोटी पार्टियों का मोर्चा है. एआईएमआईएम ने हाल में घोषणा की थी कि वह 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोर्चा के साथ गठबंधन में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

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