देश की खबरें | कानून-व्यवस्था की गड़बड़ी रोकें, प्रदर्शनकारियों की सेहत का ध्यान रखें: मराठा आरक्षण पर अदालत ने कहा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल के बीच बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कानून-व्यवस्था बनी रहे और प्रदर्शनकारियों के “स्वास्थ्य” को भी नुकसान न पहुंचे।

मुंबई, 13 सितंबर मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल के बीच बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कानून-व्यवस्था बनी रहे और प्रदर्शनकारियों के “स्वास्थ्य” को भी नुकसान न पहुंचे।

मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अरुण पेडनेकर की खंडपीठ मराठा समुदाय के सदस्यों द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शन के संबंध में नीलेश शिंदे द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

पुलिस ने एक सितंबर को लातूर जिले के अंतरवाली सरती गांव में जरांगे के भूख हड़ताल स्थल पर एक सभा पर लाठीचार्ज किया था, जिसे लेकर राज्य के कई हिस्सों में लोगों में आक्रोश है।

अदालत ने कहा, “किसी भी लोकतांत्रिक राजनीति में लोगों की आकांक्षाएं विभिन्न रूपों में व्यक्त होती हैं, हालांकि, ऐसे रूपों को समाज में किसी भी प्रकार की अशांति का कारण बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।”

अदालत ने कहा, “किसी भी कारण से किए जा रहे विरोध या आंदोलन को किसी भी कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।”

राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने आश्वासन दिया कि सरकार ने इस मुद्दे पर कई कदम उठाए हैं और जरांगे से अनशन तोड़ने के लिए भी अनुरोध किया है।

पीठ ने उनके बयान को स्वीकार कर लिया और कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों के स्वास्थ्य की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून के अनुसार सभी कदम उठाएगी।

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