खेल की खबरें | श्रीकांत ने कहा, 1983 विश्व कप फाइनल में 183 रन पर सिमटने के बाद कोई उम्मीद नहीं थी

मुंबई, 24 जून पूर्व भारतीय बल्लेबाज के श्रीकांत ने कहा कि 1983 विश्व कप के फाइनल में उन्हें जीतने की जरा भी संभावना नहीं लगी थी क्योंकि पूरी टीम महज 183 रन पर सिमट गयी थी लेकिन कप्तान कपिल देव की प्रेरणादायी बातें टीम को ट्राफी दिलाने में सफल रहीं।

भारत ने इंग्लैंड में लार्ड्स पर खेले गये 1983 विश्व कप फाइनल में मजबूत वेस्टइंडीज टीम को 43 रन से शिकस्त दी थी। कपिल देव की अगुआई वाली टीम ने 183 रन पर सिमटने के बावजूद दो बार की चैम्पियन वेस्टइंडीज को 140 रन पर आउट कर दिया।

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इस यादगार जीत की 37वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर श्रीकांत ने उस शानदार मैच को याद किया। इस कम स्कोर वाले फाइनल में श्रीकांत 38 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे थे।

उन्होंने ‘स्टार स्पोर्ट्स 1 तमिल शो विनिंग द कप - 1983’ में कहा, ‘‘वेस्टइंडीज के मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप को और अपने 183 रन के स्कोर को देखते हुए हमे जरा भी उम्मीद नहीं लगी थी। ’’

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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कपिल देव ने एक चीज कही थी और उन्होंने ऐसा नहीं कहा था कि हम जीत सकते हैं लेकिन उन्होंने कहा - देखो हम 183 रन पर आउट हो गये और हमें चुनौती पेश करनी चाहिए, आसानी से मैच नहीं गंवाना चाहिए। ’’

श्रीकांत ने कहा कि वह जीत काफी बड़ी उपलब्धि थी और भारतीय क्रिकेट के लिये ‘टर्निंग प्वाइंट’ साबित हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय क्रिकेट और भारतीयों के लिये ‘टर्निंग प्वाइंट’ था। ऐसे समय में जब क्रिकेट में वेस्टइंडीज, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अन्य का दबदबा होता था, तब पूरी तरह से ‘अंडरडॉग’ भारतीय टीम विश्व चैम्पियन बन गयी। ’’

पूर्व मुख्य चयनकर्ता ने याद किया कि बोर्ड अधिकारियों ने फाइनल में पहुंचने के लिये उनके लिये 25,000 रूपये के बोनस भी घोषणा की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘फाइनल की पूर्व संध्या पर बोर्ड के शीर्ष अधिकारी, संयुक्त सचिव और हर कोई वहां था और एक छोटी बैठक हुई थी। उन्होंने कहा कि कल के फाइनल के बारे में चिंता मत करो, आप सब लोग इतनी दूर तक आये हो जो शानदार है। और कल यह मैच जीतते हो या नहीं, उन्होंने हम सभी के लिये 25,000 रूपये के बोनस की घोषणा कर दी। ’’

श्रीकांत ने कहा, ‘‘हम इतने दबाव में नहीं थे। क्योंकि वेस्टइंडीज प्रबल दावेदार थी, वह 1975 और 1979 चैम्पियन थी। विश्व क्रिकेट में उसका दबदबा था, इसलिये हमने सोचा कि फाइनल तक पहुंचना ही बहुत बड़ी बात थी। ’’

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