जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की ढुलाई के लिये चलायी जा रही हैं विशेष ट्रेनें

कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से भारतीय रेल ने फलों, सब्जियों, दूध व डेयरी उत्पादों तथा कृषि के लिये बीजों समेत जल्दी खराब हो जाने वाले सामानों की ढुलाई के लिये 67 रेलमार्गों तथा सयम सारिणी के हिसाब से चलने वाली 134 ट्रेनों की पहचान की है।’’

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल भारतीय रेल लॉकडाउन के दौरान विभिन्न फल-सब्जियों आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये विशेष माल गाड़ियों का परिचालन कर रही है। इनसे खाद्य उत्पादों तथा बीजों समेत ऐसे सामानों की ढुलाई की जा रही है, जो जल्दी खराब हो जाते हैं। सरकार ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।

कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से भारतीय रेल ने फलों, सब्जियों, दूध व डेयरी उत्पादों तथा कृषि के लिये बीजों समेत जल्दी खराब हो जाने वाले सामानों की ढुलाई के लिये 67 रेलमार्गों तथा सयम सारिणी के हिसाब से चलने वाली 134 ट्रेनों की पहचान की है।’’

देश में कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने 21 दिन के लॉकडाउन (राष्ट्रीय बंद) की घोषणा की। यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक लागू है। इस दौरान देश भर में ट्रेनों का सामान्य परिचालन रुका हुआ है। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ मालगाड़ियों के परिचालन की छूट है।

मंत्रालय ने कहा कि एक अप्रैल तक 62 रेलमार्ग अधिसूचित किये जा चुके हैं और इन मार्गों पर 171 ट्रेनें समयसारिणी के आधार पर चल रही हैं। इन ट्रेनों का मार्ग इस तरीके से तैयार किये गया है कि ये देश के सभी प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ें।

बयान में कहा गया कि इन ट्रेनों का परिचालन ऐसे मार्गों पर भी किया जा रहा है, जहां मांग कम हैं। इन ट्रेनों को रास्ते में कई स्टॉप (ठहराव) भी दिये गये हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा माल को ढुलाई की सुविधा मिल सके।

बयान में कहा गया कि जरूरत पड़ने पर नये मार्गों पर भी इस तरह की विशेष ट्रेन का परिचालन किया जा सकता है अथवा पहले से चल रही ट्रेनों के लिये नये स्टॉप जोड़े जा सकते हैं। इन ट्रेनों के संबंध में विस्तृत जानकारियां भारतीय रेल की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

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