देश की खबरें | भूटान में मनमोहन सिंह के लिए विशेष प्रार्थनाएं आयोजित; नरेश अंतिम संस्कार में शामिल हुए
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इससे एक दिन पहले उन्होंने राष्ट्र की ओर से थिम्पू में एक बौद्ध मठ में सिंह के लिए प्रार्थना की थी।
नयी दिल्ली, 28 दिसंबर भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इससे एक दिन पहले उन्होंने राष्ट्र की ओर से थिम्पू में एक बौद्ध मठ में सिंह के लिए प्रार्थना की थी।
भूटान सरकार के अनुसार, भूटान के सभी 20 ‘जोंगखाग’ या जिलों में सिंह के लिए अलग-अलग प्रार्थना समारोह आयोजित किए गए।
भूटान की शाही सरकार के अनुसार, सिंह के सम्मान में, पूरे देश में तथा विदेशों में स्थित दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में भूटान का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया।
थिम्पू के ‘कुएनरे ऑफ ताशिचोदजोंग’ में नरेश के नेतृत्व में आयोजित समारोह में मक्खन के एक हजार दीपक जलाए गए। प्रार्थना में प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, भारतीय राजदूत सुधाकर दलेला, शाही परिवार के कई सदस्य और भूटान सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
भूटान सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान प्रकट करने तथा भारत सरकार और भारत के लोगों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए, देश भर में तथा विदेशों में भूटान के दूतावासों, मिशन और वाणिज्य दूतावास में सभी राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।’’
नरेश वांगचुक ने शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
वर्ष 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे और भारत के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में जाने जाने वाले सिंह का बृहस्पतिवार रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के कार्यकाल में भूटान सहित कई प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। भारत और भूटान के बीच सद्भावना, विश्वास और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग पर आधारित मजबूत मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
भारत-भूटान संबंधों का मूल ढांचा 1949 में हस्ताक्षरित मैत्री और सहयोग की संधि है। इसे फरवरी 2007 में नवीनीकृत किया गया था, जब सिंह प्रधानमंत्री थे। जलविद्युत क्षेत्र में सहयोग संबंधों की आधारशिला में से एक है।
जलविद्युत क्षेत्र में भारत और भूटान के बीच जारी सहयोग 2006 के द्विपक्षीय सहयोग समझौते और 2009 में हस्ताक्षरित प्रोटोकॉल के अंतर्गत आता है। इस समझौते और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर, प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के कार्यकाल के दौरान किये गये थे।
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