देश की खबरें | सपा और बसपा ने किया किसानों के 'भारत बंद' को समर्थन देने का ऐलान

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए 'भारत बंद' को समर्थन देने का ऐलान किया है।

लखनऊ, 26 सितंबर उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए 'भारत बंद' को समर्थन देने का ऐलान किया है।

प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा ने रविवार को ट्वीट किया,"भाजपा सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों द्वारा कल बुलाए गए भारत बंद का समाजवादी पार्टी पूर्ण समर्थन करती है। किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ले सरकार।"

बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर सोमवार को होने वाले किसानों के भारत बंद को समर्थन देने का ऐलान किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आन्दोलित हैं व कल (सोमवार) ’भारत बंद’ का आह्वान किया है जिसके शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन।’’

अपने सिलसिलेवार ट्वीट में मायावती ने कहा,‘‘साथ ही, केन्द्र सरकार से भी पुनः अपील है कि किसान समाज के प्रति उचित सहानुभूति व संवेदनशीलता दिखाते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस ले तथा आगे उचित सलाह-मशविरा व इनकी सहमति से नया कानून लाए ताकि इस समस्या का समाधान हो। किसान खुश व खुशहाल तो देश खुश व खुशहाल।’’

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में 27 सितंबर को 'भारत बंद' का ऐलान किया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले 25 सितंबर को 'भारत बंद' की घोषणा की थी लेकिन मुजफ्फरनगर की महापंचायत में कहा गया कि अब ‘भारत बंद’ 27 सितंबर को होगा। किसान मोर्चा ने कहा है कि 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ के दौरान देश में सब कुछ बंद रहेगा।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा था कि तीन कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।

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