‘जी 23’ को सोनिया गांधी की ‘नसीहत’: मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं
सोनिया गांधी (Photo Credits: IANS)

नयी दिल्ली , 15 अक्टूबर : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने शनिवार को पार्टी के ‘ जी 23’ समूह के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं तथा उनके बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं हैं. उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी बताया कि अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जानी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ही इसे टालना पड़ा तथा अब इसकी रूपरेखा पेश की जाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष ने आगामी विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन अगर हम एकजुट रहते एवं अनुशासित रहते हैं और सिर्फ पार्टी के हित पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम अच्छा करेंगे. सोनिया गांधी ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं. उन्होंने संगठानात्मक चुनाव का हवाला देते हुए कहा, ‘‘पूरा संगठन चाहता है कि कांग्रेस फिर से मजबूत हो. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एकजुटता हो और पार्टी के हित को सर्वोच्च रखा जाए. इन सबसे ऊपर आत्मनियंत्रण और अनुशासन की जरूरत है.

सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण अध्यक्ष के चुनाव को लेकर समयसीमा बढ़ानी पड़ी थी. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘अगर आप मुझे बोलने की इजाजत दें तो मैं पूर्णकालिक और सक्रीय अध्यक्ष हूं...पिछले दो वर्षों में कई साथियों और खासकर युवा नेताओं ने नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उठाई है और पार्टी की नीतियों को लोगों तक लेकर गए हैं.’’ उन्होंने जी 23 नेताओं को नसीहत देते हुए कहा, ‘‘मैंने सदा स्पष्टवादिता की सराहना की है. मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की जरूरत नहीं है. इसलिए हम सभी यहां खुली और ईमानदार चर्चा करते हैं. लेकिन इस चाहरदीवारी से बाहर जो बात जाए वो सीडब्ल्यूसी का सामूहिक फैसला होना चाहिए.’’ सोनिया ने जम्मू-कश्मरीर में पिछले दिनों अल्पसंख्यकों की हुई हत्या की निंदा की और कहा कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने और इस केंद्रशासित प्रदेश में शांति एवं सौहार्द बहाल करने की जिम्मेदारी केंद्र की है. यह भी पढ़े: Jammu and Kashmir: पुंछ और राजौरी जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान का पांचवा दिन

उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना का हवाला देते हुए कहा कि इससे किसान आंदोलन को लेकर भाजपा की सोच का पता चलता है. कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं की ओर से पार्टी के भीतर संवाद की मांग किए जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में सीडब्ल्यूसी की बैठक हो रही है. पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी. आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए. सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए.