देश की खबरें | सैनिकों की शहादत की कहानियों को जम्मू-कश्मीर के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा

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श्रीनगर, 27 अक्टूबर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को घोषणा की कि 1947 में पाकिस्तानी हमलावरों से लड़ाई लड़ने वाले नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के कार्यकर्ता मकबूल शेरवानी जैसे लोगों की कहानियों को अगले साल से स्कूल के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह फैसला नयी पीढ़ी को सेनानियों की वीरता और बलिदान के बारे में शिक्षित करने के लिए लिया गया है।

भारतीय सेना द्वारा कश्मीर से पाकिस्तानी हमलावरों को खदेड़ने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि कश्मीर में 'पाकिस्तान की बर्बरता' की कहानियां अनकही रह गई हैं।

उन्होंने कहा, “लोगों को पाकिस्तान के बुरे कामों के बारे में क्यों नहीं बताया गया? मकबूल शेरवानी, मेजर सोमनाथ, ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल डी आर राय की कहानियां स्कूलों में छात्रों को क्यों नहीं सुनाई जातीं?''

सिन्हा ने कहा, “मैं आज आपको बताना चाहता हूं कि ये कहानियां अगले साल से स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले इन बहादुरों की कहानियां हर छात्र तक पहुंचाएं।''

उन्होंने मकबूल शेरवानी, परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा और महावीर चक्र से सम्मानित लेफ्टिनेंट कर्नल डी आर राय को श्रद्धांजलि दी।

उपराज्यपाल ने कहा कि इतिहास को सही करने और लोगों को 27 अक्टूबर, 1947 के आक्रमण के बारे में और बताने की जरूरत है।

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