नयी दिल्ली, 13 अप्रैल फेडरेशन ऑफ रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि छोटी दुकानों को खोलने की इजाजत दी जाए क्योंकि लॉकडाउन के बाद छोटे दुकानदारों की दैनिक आमदनी पूरी तरह बंद हो गई है। इसके साथ ही इन दुकानदारों को क्षतिपूर्ति देने की मांग भी की गई।
एफआरएआई के मुताबिक वह देश भर के 34 खुदरा संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें बेहद छोटे से लेकर मझोले आकार के दुकानदार शामिल हैं।
एफआरएआई ने कहा कि लॉकडाउन के चलते इन खुदरा दुकानदारों की पूरी पूंजी बिना बिके समानों में फंसकर रह गई है।
व्यापार संघ ने कहा कि वे अब अपने परिवार की भोजन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपन
छोटी दुकानों को खोलने की इजाजत दी जाए, दिहाड़ी आमदनी की हो क्षतिपूर्ति: एफआरएआई
एफआरएआई के मुताबिक वह देश भर के 34 खुदरा संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें बेहद छोटे से लेकर मझोले आकार के दुकानदार शामिल हैं।
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल फेडरेशन ऑफ रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि छोटी दुकानों को खोलने की इजाजत दी जाए क्योंकि लॉकडाउन के बाद छोटे दुकानदारों की दैनिक आमदनी पूरी तरह बंद हो गई है। इसके साथ ही इन दुकानदारों को क्षतिपूर्ति देने की मांग भी की गई।
एफआरएआई के मुताबिक वह देश भर के 34 खुदरा संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें बेहद छोटे से लेकर मझोले आकार के दुकानदार शामिल हैं।
एफआरएआई ने कहा कि लॉकडाउन के चलते इन खुदरा दुकानदारों की पूरी पूंजी बिना बिके समानों में फंसकर रह गई है।
व्यापार संघ ने कहा कि वे अब अपने परिवार की भोजन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी छोटी बचत खर्च कर रहे हैं।
एफआरएआई के अध्यक्ष राम आसरे मिश्रा ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपने सदस्यों की कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें तत्काल अपनी दुकानें खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री जी से अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत छोटे खुदरा विक्रेताओं को दैनिक आय में नुकसान की भरपाई के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा करें।’’
मिश्रा ने आश्चर्य जताया, ‘‘बड़े किराना दुकानदारों को लॉकडाउन के दौरान दुकान खोलने की इजाजत दे दी गई है, फिर वैसे ही सामान बेचने वाले हमारे छोटे दुकानदार भाइयों को आजीविका से वंचित क्यों रखा गया है।’’
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