देश की खबरें | दिल्ली में बुधवार को हुई वर्षा के कारण छह लोगों की मौत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार शाम हुई भारी बारिश के बाद वर्षाजनित घटनाओं में दो बच्चों समेत छह लोगों की जान चली गयी जबकि तीन अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली, एक अगस्त राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार शाम हुई भारी बारिश के बाद वर्षाजनित घटनाओं में दो बच्चों समेत छह लोगों की जान चली गयी जबकि तीन अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ये मौतें करंट लगने, जलभराव या मकान ढह जाने से हुईं।

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर क्षेत्र में तनुजा (22) और उसके तीन वर्षीय बेटे प्रियांश पानी से भरे नाले में गिर गये और दोनों की डूबकर मौत हो गयी। प्रियांश का आज स्कूल का पहला दिन था। यह घटना खोडा कॉलोनी के नजदीक हुई।

पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि नाले के खुले रहने के कारण यह घटना हुई और इस संबंध में लापरवाही से मौत होने का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

बुधवार को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में करंट लगने से 12 साल के एक लड़के की मौत हो गई।

बिंदापुर में ट्यूशन पढ़कर लौट रहा 12 वर्षीय लड़का मुदित खुले तार के संपर्क में आ गया और उसे करंट लग गया।

पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित कुमार सिंह ने कहा कि बिजली के तार वाले दो प्लास्टिक पाइन जमीन से बाहर निकल रहे थे जिन्हें डीडीए फ्लैट के समीप एक दीवार से बांध दिया गया था।

मुदित के पिता रमन कुमार ने बिजली वितरण कंपनियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

संगम विहार में 18 वर्षीय अनिल कुमार साह की करंट लगने से मौत हो गयी।

हालांकि एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह करंट लगने का मामला है लेकिन असली कारण पोस्टमार्टम के बाद सामने आयेगा।

दक्षिण पूर्व दिल्ली के मीठापुर में 28 वर्षीय प्रभात की करंट लगने से मौत हो गयी। पुलिस को संदेह है कि पानी टंकी के अलार्म सिस्टर से लगे तार के संपर्क में आने से उसकी जान चली गयी।

अधिकारी ने कहा कि चूंकि कोई चश्मदीद नहीं है इसलिए करंट लगने की असली वजह का तत्काल पता नहीं चल पाया है।

दिल्ली के सब्जी मंडी में मकान ढह जाने से 62 वर्षीय अनिल कुमार गुप्ता की मौत हो गयी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को बताया कि दिल्ली के छह मौसम केंद्रों में एक ही दिन में 100 मिलीमीटर (मिमी) से अधिक वर्षा दर्ज की गई। इसने इसे ‘‘इसे भीषण वर्षा’’ बताया।

आईएमडी के अनुसार, पिछले 24 घंटे में शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग में 107 मिमी, मयूर विहार में 147 मिमी, नजफगढ़ और रिज में 113 मिमी, लोधी रोड में 106 मिमी, दिल्ली विश्वविद्यालय में 104 मिमी बारिश दर्ज की गयी।

आंकड़ों के अनुसार, बुधवार रात 12 बजे तक दिल्ली पुलिस को इमारतें गिरने के संबंध में 27 फोन आए तथा बृहस्पतिवार सुबह सात बजे एक और घटना की सूचना मिली।

शास्त्री पार्क में दो और डिफेंस कॉलोनी में एक व्यक्ति घायल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार सुबह सात तक यातायात बाधित होने से जुड़ी 2945 सूचनाएं मिलीं। इस दौरान पेड़ उखरने संबंधी घटनाओं के बारे में भी 50 फोन आए।

आईटीओ, राजघाट, मदर डेयरी, गणेश नगर और पटपड़गंज रोड समेत कई इलाकों की सड़कें बृहस्पतिवार सुबह भी जलमग्न रहीं।

आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अध्यक्ष उपराज्यपाल को निशाना बनाया। इसने आरोप लगाया कि डीडीए इस नाले के लिए जिम्मेदार है तथा यह ‘दुर्घटना’ नहीं, बल्कि ‘हत्या’ है। इसने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘एक्स’ पर अपने कई पोस्ट में जलमग्न सड़कों को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार देर रात घोषणा की कि बृहस्पतिवार को शहर के सभी स्कूल बंद रहेंगे।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि विभाग ने पहले दिल्ली को ‘ऑरेंज’ अलर्ट पर रखा था, लेकिन जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होती गई, अलर्ट का स्तर ‘रेड’ कर दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘कल की स्थिति बादल फटने जैसी नहीं थी, बल्कि बहुत तीव्र थी।’’

यहां आर्द्रता सुबह साढ़े आठ बजे 97 प्रतिशत थी।

मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है क्योंकि शहर में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

आईएमडी मौसम की चेतावनियों में रंग कोड का उपयोग ‘‘अपेक्षित मौसम की घटनाओं की गंभीरता को सामने लाने के लिए’’ करता है।

‘ग्रीन’ अलर्ट का मतलब है कि किसी सलाह की आवश्यकता नहीं है, ‘येलो’ का मतलब है कि सावधान रहें क्योंकि स्थिति और खराब हो जाएगी, जिससे दैनिक जीवन में व्यवधान पैदा होगा। ‘ऑरेंज’ का मतलब है कि संभावित बिजली कटौती और परिवहन, रेल, सड़क तथा हवाई यातायात में संभावित व्यवधानों के लिए तैयार रहें, और ‘रेड’ का मतलब है कि कार्रवाई करें क्योंकि अत्यधिक खराब मौसम की स्थिति से परिवहन और बिजली आपूर्ति बाधित होने की उम्मीद है और इससे जान को खतरा हो सकता है।

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