जरुरी जानकारी | खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव से जोखिम की स्थितिः आरबीआई लेख

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. समग्र खुदरा महंगाई के लगातार दूसरे महीने चार प्रतिशत से नीचे रहने के बावजूद खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव एक आकस्मिक जोखिम बना हुआ है। शुक्रवार को जारी रिजर्व बैंक के एक बुलेटिन में यह बात कही गई है।

मुंबई, 20 सितंबर समग्र खुदरा महंगाई के लगातार दूसरे महीने चार प्रतिशत से नीचे रहने के बावजूद खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव एक आकस्मिक जोखिम बना हुआ है। शुक्रवार को जारी रिजर्व बैंक के एक बुलेटिन में यह बात कही गई है।

रिजर्व बैंक के सितंबर बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक गतिविधि धीमी पड़ रही है। मुद्रास्फीति में कमी की रफ्तार सुस्त होने से मौद्रिक नीति अधिकारियों के बीच सतर्कता बढ़ रही है।

बुलेटिन में 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर एक लेख में कहा गया है, "उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में लगातार दूसरे महीने रिजर्व बैंक के लक्ष्य से नीचे रही। लेकिन हाल के अनुभव को ध्यान में रखते हुए खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव एक आकस्मिक जोखिम बना हुआ है।"

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम के लिखे इस लेख के मुताबिक, भारत में निजी खपत और सकल स्थिर निवेश मजबूत बना रहा और इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को शुद्ध निर्यात से भी समर्थन मिला।

इस दौरान कृषि के खराब प्रदर्शन की भरपाई विनिर्माण और सेवा क्षेत्र ने की।

लेख के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में घरेलू खपत तेजी से बढ़ने की राह पर है क्योंकि सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति कम हो रही है और ग्रामीण मांग में पहले से ही सुधार देखा जा रहा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\