बीमार लोग केवल अनुमोदित अस्पतालों की ही इमर्जेंसी में जाएं : सरकार
प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया ''इमर्जेंसी सेवा कहां हो, और कहां पर नहीं, इसका निर्धारण चिकित्सा विभाग ने कर दिया है। अगर कहीं कोई बीमार है तो किसी भी सूरत में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित अस्पतालों के अलावा और कहीं भी न जाएं। किसी भी गैर अनुमोदित अस्पताल की इमर्जेंसी में न जाएं।''
लखनऊ, 21 अप्रैल उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता से जरूरत पड़ने पर सिर्फ चिकित्सा विभाग द्वारा अनुमोदित अस्पतालों की इमर्जेंसी में ही जाने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि गैर अनुमोदित अस्पताल में जाने से खतरा हो सकता है।
प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया ''इमर्जेंसी सेवा कहां हो, और कहां पर नहीं, इसका निर्धारण चिकित्सा विभाग ने कर दिया है। अगर कहीं कोई बीमार है तो किसी भी सूरत में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित अस्पतालों के अलावा और कहीं भी न जाएं। किसी भी गैर अनुमोदित अस्पताल की इमर्जेंसी में न जाएं।''
उन्होंने कहा ''गैर अनुमोदित अस्पताल की इमर्जेंसी में जाने पर उन अस्पतालों से दूसरों को भी खतरा हो सकता है। केवल जहां पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ हैं, वहीं इमर्जेंसी की अनुमति दी गयी है। इस बारे में शासनादेश भी जारी हो चुका है।''
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड—19 के उपचार के लिये 'प्लाजमा थेरेपी' के बारे में आयी खबरों के मद्देनजर राज्य में भी इस थेरेपी पर काम करने के लिये प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री को यह बताया गया कि प्रदेश में दो जगह इस थेरेपी पर काम हो रहा है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 'टीम—11' की बैठक में इस बात पर जोर दिया कि पृथकवास में रखे गये लोगों को भी आवश्यक दूरी बनाये रखने की जरूरत है। रायबरेली में पृथकवास में रखे गये लोगों की एक बार नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद दोबारा हुई जांच में वे कोविड—19 संक्रमित पाये गये हैं।
अवस्थी के मुताबिक योगी ने कहा कि हॉटस्पॉट घोषित किये गये इलाकों में पूरी टेस्टिंग हो और उनके बाहर भी टेस्टिंग करायी जाए। जिन क्षेत्रों में आवश्यकता हो तो उसमें पूल टेस्टिंग करायी जाए। चूंकि कानपुर में टेस्टिंग का भार ज्यादा है, इसलिये वहां विशेष व्यवस्था की जाए।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक करोड़ लोग आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। ऐप में जो अलर्ट देने की व्यवस्था है, तो लगभग 200 अलर्ट भी आ चुके हैं। इसका वास्तविक उपयोग भी स्वास्थ्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी करेंगे। साथ ही इस ऐप के उपयोगकर्ताओं के लिये भी यह उपयोगी होगा।
सलीम
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)