देश की खबरें | शाहरुख पठान को उच्च जोखिम वार्ड से स्थानांतरित करने की योजना नहीं है : तिहाड़ जेल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तिहाड़ जेल ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि उनकी शाहरुख पठान को उच्च जोखिम वार्ड से स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 29 जुलाई तिहाड़ जेल ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को सूचित किया कि उनकी शाहरुख पठान को उच्च जोखिम वार्ड से स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है।

गौरतलब है कि दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगों के दौरान शाहरुख पठान के दिल्ली पुलिस के एक निहत्थे हेड कांस्टेबल पर बंदूक तानने वाली तस्वीर काफी चर्चा में रही थी।

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तिहाड़ जेल के उच्च जोखिम सुरक्षा वार्ड में बंद पठान ने दावा किया था कि अधिकारी उसे अन्य कैदियों के साथ सामान्य वार्ड में स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं जिससे ‘‘उसकी जान को खतरा’’ है।

उसकी अर्जी पर जवाब देते हुए तिहाड़ की जेल नंबर चार के उपाधीक्षक ने अदालत को बताया, ‘‘पठान को मौजूदा वार्ड से स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’’

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मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट फहादुद्दीन ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, ‘‘केंद्रीय कारागार नंबर चार, तिहाड़ के उपाधीक्षक के जवाब को देखते हुए आगे कोई कार्यवाही करने की आवश्यकता नहीं है इसलिए इस अर्जी को खारिज किया जाता है।’’

पठान ने अपनी याचिका में कहा था कि वह उच्च जोखिम वाले कैदियों के साथ रहना चाहता है क्योंकि इससे उसकी जान को खतरा नहीं है और उसने आशंका जताई कि अगर उसे सामान्य कैदियों के साथ रखा जाता है तो किसी भी समय कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है।

पठान (23) को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और शस्त्र कानून की विभिन्न धाराओं के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।

पुलिस ने बताया था कि उसके घर से पिस्तौल बरामद हुई है।

वायरल हुई वीडियो में उत्तरपूर्वी दिल्ली के घोंडा इलाके के रहने वाले पठान को 24 फरवरी को जाफराबाद-मौजपुर रोड पर एक पुलिसकर्मी पर अपनी पिस्तौल तानते हुए देखा जा सकता है।

पुलिस ने कहा था कि घटना के बाद अपने आप को खबरों में देखने के बाद आरोपी ने अपने कपड़े बदल लिए और पंजाब भाग गया। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के शामली में अपने दोस्त में घर में छिपने से पहले बरेली गया था।

फरवरी में उत्तरपूर्वी दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 का विरोध और समर्थन कर रहे समूहों के बीच झड़पें हो गई थी जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और करीब 200 लोग घायल हो गए।

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