देश की खबरें | बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कनिष्ठ छात्रों की कथित 'रैगिंग' के मामले में सात वरिष्ठ छात्र निलंबित
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के छात्रावास में बिना अनुमति के घुसने और 'रैगिंग' करने के आरोप में सात वरिष्ठ छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गोरखपुर (उप्र), 22 नवंबर गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के छात्रावास में बिना अनुमति के घुसने और 'रैगिंग' करने के आरोप में सात वरिष्ठ छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
हालांकि ‘रैगिंग’ का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिला लेकिन कॉलेज प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छात्रावास के नियमों का उल्लंघन करने के लिए वरिष्ठ छात्रों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है।
कॉलेज के ‘एंटी-रैगिंग’ प्रकोष्ठ को एक गुमनाम ईमेल प्राप्त होने के बाद जांच का आदेश दिया गया था।
शिकायत के अनुसार यह घटना 10-11 नवंबर की रात को हुई, जब छठ पूजा की छुट्टियों से लौटे एमबीबीएस-2024 बैच के छात्र अपने छात्रावास में थे। इस बीच 2023 बैच के सात वरिष्ठ छात्र कथित तौर पर रात 10 बजे के आसपास छात्रावास में घुसे और करीब 30 मिनट तक रुके।
सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा से पुष्टि हुई कि वरिष्ठ छात्र बिना पूर्व अनुमति के छात्रावास में घुसे थे, हालांकि, फुटेज में ‘रैगिंग’ का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। इसके बावजूद, ‘एंटी-रैगिंग’ समित ने इस घटना को अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना, जिसके कारण सात छात्रों को निलंबित कर दिया गया।
इस बीच वरिष्ठ छात्रों ने अपने बचाव में दावा किया कि वे कनिष्ठ छात्रों के साथ क्रिकेट टीम बनाने पर चर्चा करने के लिए छात्रावास में घुसे थे। हालांकि, उन्होंने कॉलेज प्रशासन को सूचित नहीं किया और न ही अपने प्रवेश या प्रस्तावित गतिविधि के लिए अनुमति मांगी।
बीआरडी के प्राचार्य रामकुमार जायसवाल ने निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा, " रैगिंग का कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन कनिष्ठ छात्रों के छात्रावास में वरिष्ठ छात्रों का अनधिकृत प्रवेश अनुशासन का गंभीर उल्लंघन है। इस तरह की हरकतें परिसर के माहौल को बिगाड़ती हैं और हम उन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकते।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि निलंबित छात्रों को अगले तीन महीने तक कॉलेज या छात्रावास परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और इस अवधि के दौरान वे अपने माता-पिता के संरक्षण में रहेंगे।
जायसवाल ने भविष्य में सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि निलंबित छात्रों को एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा।
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